जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ से सम्बंधित ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के राष्ट्रव्यापी आयोजन की आज यहां शुरुआत की और ऐतिहासिक दांडी मार्च की स्मृति में अहमदाबाद से नवसारी के दांडी तक 386 किलोमीटर की पदयात्रा को भी झंडी दिखा कर रवाना किय।
इस मौक़े पर पर आज़ादी के संग्राम की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि अपने गौरवशाली अतीत पर गर्व करने वाले भारत की क्षमता और प्रतिभा की गूंज आज हर तरफ है। उन्होंने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि आने वाले समय में भारत एक बार फिर विश्वगुरु बन कर दुनिया को रास्ता दिखाएगा।
Freedom Struggle,
Ideas at 75,
Achievements at 75,
Actions at 75,
और Resolves at 75
ये पांचों स्तम्भ आज़ादी की लड़ाई के साथ साथ आज़ाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) March 12, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के दौर में करोड़ों लोगों ने आजादी की सुबह का वर्षों तक इंतजार किया। पीएम मोदी बोले कि इस महोत्सव के पांच स्तंभों पर जोर दिया गया, फ्रीडम स्ट्रगल-एक्शन-आइडिया जैसे स्तंभ शामिल हैं। पीएम मोदी बोले कि इतिहास साक्षी है किसी राष्ट्र का गौरव तभी जागृत रहता है, जब वो अपने इतिहास की परंपराओं से प्रेरणा लेता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम इतिहास बनते देख रहे हैं और इसका हिस्सा भी बन रहे हैं। 15 अगस्त 2022 को आज़ादी के 75 साल पूरा होने से 75 सप्ताह पूर्व शुरू हुआ अमृत महोत्सव 2023 के 15 अगस्त तक चलेगा। इसका आयोजन जलियांवाला बाग़, सेल्युलर जेल समेत देश भर में आज़ादी की लड़ाई से जुड़े कई स्थानों पर हो रहा है। वह आज़ादी के संग्राम में आहुति देने वालों को नमन करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास गौरवशाली विरासत और गर्व करने वाले अतीत का विशाल भंडार है और साथ ही आज़ाद भारत की गौरवान्वित करने वाली प्रगति भी है। स्वाभिमान और बलिदान की परम्परा से अगली पीढ़ी को भी अवगत करना है क्योंकि राष्ट्र का भविष्य तभी उज्जवल होता है जब वह अपने अतीत के अनुभवों से जुड़ा रहता है।
दांडी यात्रा को 91 साल, साबरमती आश्रम में पीएम मोदी ने बापू को किया नमन#ATVideo @gopimaniar pic.twitter.com/tjhh5KD4ZD
— AajTak (@aajtak) March 12, 2021
इस मौक़े पर पीएम मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू, बाबा साहेब अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल के सपनों के भारत को बनाने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसे कई संघर्ष हैं, जिनका नाम आज नहीं लिया जाता है लेकिन हर किसी का अपना एक महत्व रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया के हर मंच पर भारत के क्षमता और प्रतिभा की गूंज है। आज भारत आगे बढ़ रहा है। कोरोना काल में यह सिद्ध हो गया है।
भारत के पास अपना टीका है और यह मानववता को इस महामारी से बाहर निकालने में लगा है। किसी को भी दुःख नहीं देने वाला भारत सबका दुःख दूर करने में लगा है। दुनिया के देश इस पर भरोसा कर रहे हैं। यह एक सूर्योदय काल है।
आज़ादी के 75 वें साल के आयोजन के मौक़े पर उन्होंने लोगों, छात्रों,शिक्षण संस्थानों से भी इससे जुड़ने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। अपने सम्बोधन में दांडी यात्रा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में नमक वफ़ादारी और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
मोदी ने इससे पहले कार्यक्रम स्थल के निकट स्थित साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की प्रतिमा और इसके परिसर में उनके तत्कालीन आवास हृदय कुंज में उनके तैलचित्र पर पारम्परिक रूप से सूत की माला से माल्यार्पण किया। उन्होंने आश्रम की आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि आश्रम आकर वह धन्यता का अनुभव करते हैं, त्याग तपस्या की भावना जागती है और राष्ट्र निर्माण का संकल्प मज़बूत होता है।
महोत्सव के दौरान यहां मुख्य कार्यक्रम में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया जिसमें देश भर के कलाकारों ने अलग अलग भाषाओं में मनमोहक प्रस्तुतियां भी दी।
आज़ादी के आंदोलन के दौरान इसका एक प्रमुख केंद्र रहे अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से ही गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को ब्रिटिश हूकूमत के नमक क़ानून को तोड़ने ले लिए दक्षिण गुजरात के दांडी तक की यात्रा की थी जो उसी साल छह अप्रैल को पूरी हुई थी।
आश्रम में आयोजित मुख्य कार्यक्रम के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े राज्य के 6 जिलों में विभिन्न 75 स्थलों पर भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
Gujarat: Prime Minister Narendra Modi pays floral tribute to Mahatma Gandhi at Sabarmati Ashram in Ahmedabad. He will flag off the Dandi March from the Ashram today, as part of Amrit Mahotsav programme to mark the 75 years of India's independence. pic.twitter.com/gDutZrBNzX
— ANI (@ANI) March 12, 2021
गुजरात में महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि और स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र रहे अहमदाबाद से प्रधानमंत्री ने अमृत महोत्सव की औपचारिक शुरुआत करायी।
इस अवसर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, केंद्रीय पर्यटन एवं सांस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल, सांसद और गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी.आर. पाटिल, आश्रम के न्यासी कार्तिकेय साराभाई, अमृत मोदी और डॉ. सुदर्शन आयंगर उपस्थित थे।
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राजकोट, मांडवी (कच्छ), पोरबंदर, वडोदरा, बारडोली (सूरत) और दांडी (नवसारी) जैसे स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े चिरस्मरणीय स्थलों पर देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, साइकिल-बाइक रैली, पदयात्रा, वृक्षारोपण और क्राफ्ट बाजार जैसे रचनात्मक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
राजकोट में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल अमृत महोत्सव में उपस्थित रहे। राजकोट में गांधी जी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा ली थी। जूनागढ़ को नवाबी शासन से आजाद कराने के लिए बनाए गए आरजी हुकूमत ने राजकोट से ही आजाद जूनागढ़ फौज की भर्ती शुरू की थी। राजकोट का मौजूदा सर्किट हाउस तत्कालीन आरजी हुकूमत का मुख्यालय बना था। राजकोट वहां की राष्ट्रीय शाला में गांधी जी का ठहराव तथा ढेबरभाई, रसिकभाई परीख और मनुभाई पंचोली जैसे सेनानियों के संघर्ष और कस्तुरबा गांधी की जीवन स्मृतियों से भी जुड़ा है।
वडोदरा राष्ट्रीय चेतना के प्रेरक और तत्व चिंतक महर्षि अरविंद घोष की कर्मभूमि रही है। उन्होंने गुप्त रूप से क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरणा दी थी, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन वडोदरा राज में स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों को विस्तार मिला। वडोदरा के नवलखी मैदान में गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी की अध्यक्षता में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया।