जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर को ज़मानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लेने वाली वाराणसी की रेप पीड़िता को आत्मदाह के लिए उकसाने के आरोप में अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जस्टिस राजीव सिंह ने सोमवार को अमिताभ ठाकुर और सरकार के वकील की बहस को सुनने के बाद अमिताभ ठाकुर को ज़मानत पर रिहा किये जाने का आदेश सुनाया.
रेप पीड़िता ने आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर सांसद अतुल राय को बचाने और मुख्तार अंसारी की शह पर रेप पीड़िता के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था. अमिताभ ठाकुर की तरफ से कोर्ट में फर्जी तरीके से फंसाए जाने की बात कही गई. अमिताभ ठाकुर की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि उन्होंने तो अपने विधिक दायित्व ही निभाए थे.
1992 बैच के आईपीएस अमिताभ ठाकुर अपनी सरकारी नौकरी के साथ ही सामाजिक कार्यकर्त्ता जैसी भूमिका में रहने के कारण लगातार सरकार की आँख की किरकिरी बने रहते थे. पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ इनकी बातचीत के आडियो ने सत्ता के गलियारों में काफी हड़कम्प मचाया था. राज्य में बीजेपी की सरकार आई तो भी सरकार के साथ उनका 36 का ही आंकड़ा बना रहा. अंतत: उन्हें जबरन रिटायर कर दिया गया.
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