जुबिली न्यूज़ डेस्क
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ पुलिस द्वारा नजरबन्द किये जाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है.
लखनऊ पुलिस ने 20 जून को अमिताभ ठाकुर को दरोगा भर्ती परीक्षा 2020-21 की तमाम गड़बड़ियों के संबंध में ईको गार्डन में आयोजित महासत्याग्रह में जाने से रोकने के लिए कल रात से उनके गोमतीनगर स्थित आवास पर भारी पुलिस बल लगा दिया और उन्हें घर पर नज़रबंद कर दिया.
आरोप यह भी लगाया गया है कि अमिताभ ठाकुर से मिलने आये कुछ अभ्यर्थियों को भी उठा कर अनजान स्थान पर ले जाया गया है.
सोमवार की सुबह पुलिस द्वारा अमिताभ को बताया गया कि उन्हें सीनियर अफसरों के आदेश पर घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह रोक है और यदि वे घर के बाहर कदम रखेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
अमिताभ ने इस नज़रबंदी के खिलाफ सीजेएम कोर्ट लखनऊ में मुक़दमा प्रस्तुत किया जिसमे उन्होंने लखनऊ पुलिस कि कार्यवाही को पूरी तरह अवैध तथा आपराधिक बताते हुए संबंधित अफसरों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की मांग की.
उन्होंने अपने वाद में कहा कि चूँकि उन्हें घर से निकलने तक नहीं दिया जा रहा है, अतः वे शपथपत्र तक नहीं दे पा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में भी 21 से 27 अगस्त 2021 में उन्हें इसी प्रकार अवैध नज़रबंद रखा गया था जिसके बाद उन्हें अचानक अरेस्ट कर लिया गया था. उस मामले में भी अब तक पुलिसवालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है.
सीजेएम लखनऊ रवि कुमार गुप्ता ने अमिताभ के अधिवक्ता दीपक कुमार को सुनने के बाद मुकदमे को वाद के रूप में दर्ज करने के आदेश दिए तथा कल केस की पोषणीयता की सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की.
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अमिताभ का कहना है कि दरोगा परीक्षा से जुड़े तमाम ऐसे तथ्य सामने आये हैं जो इस पूरी लिखित परीक्षा को बुनियादी तौर पर दूषित तथा त्रुटिपूर्ण बना दे रहे हैं तथा विभागीय सहयोग से एक संगठित स्वरुप में भ्रष्टाचार, घोटाला, गड़बड़ी एवं अनियमितता की ओर इशारा करते हैं. साथ ही बोर्ड ने हाई कोर्ट के आदेशों के बाद भी आनन-फानन में रिजल्ट घोषित कर दिया, जिसमे तमाम नयी गड़बड़ियाँ दिखी हैं. अतः उन्होंने इस संबंध में अग्रिम कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए यह महासत्याग्रह बुलाया था.