पॉलिटिकल डेस्क।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह ने गृहमंत्री का पद संभाला हुआ है। अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद से ही बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमा गया।
राजनीति के गलियारे में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा इस बात को लेकर ही हो रही है कि आखिर अब बीजेपी की कमान किसके हाथों में होगी। कई नामों पर भी कयासबाजी लगाई जा रही है। हालांकि अब पार्टी सूत्रों से खबर मिली है कि, अमित शाह 2022 तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं।
दरअसल आगामी हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर पार्टी किसी तरह का रिस्क उठाने के मूड में नहीं है। पार्टी के एक नेता ने बताया कि, अमित शाह का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने ही बीजेपी को आज इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। शाह में इतना सामर्थ्य भी है कि वह दोनों पदों पर रहकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
बता दें किअमित शाह 2016 में पहली बार तीन साल के पूर्ण कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुने गए। जनवरी 2019 में तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद 11-12 जनवरी को हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शाह को आम चुनाव तक सेवा विस्तार दिया गया। बीजेपी के मौजूदा संविधान के मुताबिक कोई व्यक्ति तीन-तीन साल के दो पूर्ण कार्यकाल तक अध्यक्ष पद पर रह सकता है। ऐसे में अमित शाह बिना संविधान संशोधन हुए 2022 तक अध्यक्ष रह सकते हैं।
आमतौर पर बीजेपी में ‘एक व्यक्ति-एक पद’ सिद्धांत लागू होने की बात कही जाती है। मतलब कि संगठन में रहते सरकार में भूमिका नहीं निभा सकते। लेकिन सच तो यह है कि पार्टी संविधान के सितंबर, 2012 में संशोधन के बाद तैयार हुए नए संविधान में इसका कोई लिखित में जिक्र नहीं मिलता।
पीयूष गोयल कोषाध्यक्ष होने के बावजूद मंत्री बने
2014 में पार्टी का कोषाध्यक्ष होने के बावजूद पीयूष गोयल मंत्री बने। हालांकि बाद में उनके कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की खबरें आईं और पार्टी की वेबसाइट से कोषाध्यक्ष के रूप में उनका नाम हटा दिया गया। जबकि बीजेपी का आधिकारिक रूप से कोषाध्यक्ष कौन है, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।