जुबिली न्यूज़ डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बीजेपी द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. रविवार को जबलपुर में सभा करने पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेताओं को अंधा और बहरा बता डाला।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, मैं ऐसे विषय पर संबोधित करने आया हूं, जिसका मुझे बहुत गर्व है। भाजपा नागरिकता संशोधन कानून पर जनजागरण चला रही है। यह इसलिए चलाना पड़ रहा है कि क्योंकि विपक्ष में बैठे लोगों सीएए को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। मैं यहां चैलेंज करना चाहता हूं राहुल गांधी और ममता बनर्जी को कि सीएए में किसी की नागरिकता वापस लेने का प्रावधान नहीं लिखा गया है। आस-पास के देशों में अल्पसंख्याकों का भारत स्वागत करेगा और उन्हें नागरिकता देगा।
शाह ने कहा कि, ‘मैं आंख के अंधे और कान से बहरे कांग्रेस के नेताओं को यह पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में बहुत कम अल्पसंख्यक बचे हैं। जो पहले वहां थे वो कहां गए। पाकिस्तान में उनके साथ जो जुल्म हो रहा है, उसकी वजह से वे भारत आना चाहते हैं। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि पाकिस्तान में बसे अल्प संख्यक अगर भारत आना चाहें तो वे आ सकते हैं, भारत उनका ध्यान रखेगा। सभी नेताओं ने यह बात कही हैं, लेकिन राहुल गांधी यह मानने को तैयार नहीं हैं। वे गांधी जी की बात भी नहीं मानते।
यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति से मिला बहादुरी का सम्मान निकले आतंकियों के कद्रदान
मैं मानवाधिकार से जुड़े लोगों को भी कहना चाहता हूं कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर कितने अत्याचार हो रहे हैं, यह किसी को नहीं दिखता। पाकिस्तान में ननकाना साहिब पर हमला हुआ। मैं विपक्षियों को कहना चाहता हूं कि देश की जनता की आवाज समझिए वरना जितने बचे-कुचे हो वो भी खत्म हो जाओगे।
अमित शाह ने सभा में बैठे लोगों से पूछा कि हमें वोट बैंक की राजनीति करनी चाहिए या देशहित की राजनीति करनी चाहिए। कांग्रेस जितना भी विरोध कर लें, पाकिस्तान से आए लोगों को हम नागरिकता देंगे। सीएएम में कही भी किसी भी नागरिकता वापस लेने का प्रावधान नहीं है। जेएनयू में कुछ लड़कों ने भारत विरोधी नारे लगाए, उन्हें जेल में डालना चाहिए कि नहीं। जब एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक होती है तो राहुल गांधी कहते हैं सबूत लाओं, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल भी यही बात कहते हैं। इन सबकी भाषा पाकिस्तान की भाषा से मिलने लगी है।
यह भी पढ़ें : दिल्ली चुनाव : आखिर क्यों ‘AAP’ है सबसे आगे
यह भी पढ़ें : जेएनयू कुलपति ने अपने पक्ष में क्या कहा