न्यूज डेस्क
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के मोदी सरकार में गृहमंत्री बनने के बाद अब नए अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है।
गृह मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद शनिवार देर रात करीब 9:30 बजे तक अमित शाह ने पार्टी महासचिवों के साथ बैठक की। इस बैठक में राज्यों के संगठन में जल्दी चुनाव कराए जाने को लेकर चर्चा हुई, ताकि अध्यक्ष पद पर चुनाव का रास्त जल्दी साफ हो सके।
बता दें कि देश भर में पचास प्रतिशत से ज़्यादा राज्यों में चुनाव सम्पन्न होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। इससे पहले सितंबर 2018 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ाया गया था।
अब चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिल गई है और अमित शाह गृह मंत्री बन गए हैं। ऐसे में नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है।
माना जा रहा है कि जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव में किसी एक के नाम पर अध्यक्ष की मुहर लग सकती है। सूत्रों की मानें तो जेपी नड्डा रेस में सबसे आगे हैं।
जेपी नड्डा रेस में इसलिए आगे हैं, क्योंकि उनके चुनाव प्रभारी रहते हुए बीजेपी ने यूपी में एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की है और फिर भी उन्हें मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया है। ऐसे में अब देखना होगा कि बीजेपी के नए अध्यक्ष के रूप में किसके नाम पर मुहर लगती है।
कौन है जेपी नड्डा?
जेपी नड्डा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के विश्वासपात्र माने जाते हैं। जगत प्रकाश (जेपी) नड्डा मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। नड्डा साल 1993 में हुए हिमाचल विधानसभा चुनाव से राजनीति में आए। साथ ही वह बिलासपुर के विधायक के रूप में पहली बार विधानसभा पहुंचे। 1998 से 2003 तक वह हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। वहीं साल 2008 से 2010 तक धूमल सरकार में उन्हें वन एवं पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री भी बनाया गया। अप्रैल 2012 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया था।
1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले नड्डा ने नितिन गडकरी और अमित शाह के साथ पार्टी की युवा इकाई भारतीय युवा मोर्चा के लिए 1991-94 में काम किया है। संसदीय चुनाव में हिमाचल की चारों सीटें पार्टी के नाम करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की पूर्व सरकार (2007-12) में नड्डा को तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के साथ उनके मतभेद की वजह से 2010 में वन मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उसके बाद गडकरी ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया था। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। नड्डा छत्तीसगढ़ के भी प्रभारी हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्हें यूपी का प्रभार सौंपा गया था. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में बढ़िया प्रदर्शन दर्ज किया है।
वहीं साल 2014 में भी जेपी नड्डा का नाम बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए सामने आया था। हालांकि तब अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष बनाए गए थे. संगठन में जेपी नड्डा की मजबूत पकड़ माना जाती है।
कौन हैं भूपेन्द्र यादव
भूपेन्द्र यादव बीजेपी संगठन में कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा सांसद होने के साथ ही यादव संगठन में राष्ट्रीय महासचिव के पद की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। इसके अलावा उनके पास बिहार का भी दायित्व है। भूपेन्द्र यादव गुजरात में भी अहम दायित्व संभाल चुके हैं। साल 2013 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रमुख रणनीतिकार की भूमिका भी संभाल चुके है। साथ ही इन्हें राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के नजदीकी के तौर पर देखा जाता है।
मूलतया हरियाणा के गुड़गांव इलाके के निवासी यादव के पिता लंबे समय तक रेलवे में अजमेर में कार्यरत रहे हैं। भूपेन्द्र यादव का जन्म भी अजमेर हुआ और वकालत के दौरान बीजेपी नेता अरुण जेटली के संपर्क में आए। जिसके बाद से ही इनका सियासी सफर शुरू हुआ1 जेटली ने राम मंदिर केस से जुड़ी जिम्मेदारी यादव को ही सौंपी थी। इसके बाद से ही संघ और बीजेपी में यादव की पहुंच ऊंचे स्तर तक बनी। साल 2010 में बीजेपी संगठन में राष्ट्रीय मंत्री भी रहे।