जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व काफी तनाव में है. बीजेपी किसी भी सूरत में उपचुनाव की सीटों को हाथ से फिसलने नहीं देना चाहती है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपचुनाव जीतने के लिए जो फार्मूला तैयार किया है बीजेपी उसी पर अमल करने की तैयारी कर रही है.
मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी ने आदिवासियों का मुद्दा पूरी शिद्दत से उठाने को कहा है. इसी 18 सितम्बर को गृहमंत्री अमित शाह ने आदिवासियों को लेकर जो 18 घोषणाएं की थीं वही उपचुनाव में बीजेपी का मुख्य मुद्दा होगा. बीजेपी के नेता इन 18 घोषणाओं को लेकर उपचुनाव क्षेत्र में आने वाले हर घर का दरवाज़ा खटखटा कर इन 18 घोषणाओं पर चर्चा करेंगे.
बीजेपी की योजना है कि जो भी आदिवासी इन योजनाओं से वंचित होगा. उसे यह बताया जाएगा कि बीजेपी जीती तो तुम्हारे क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार की दिक्कतें दूर की जायेंगी.
अमित शाह मध्य प्रदेश आये थे तो उन्होंने जबलपुर में आदिवासियों के हित में कई घोषणाएं की थीं. मंच से ही उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा था कि इन सभी घोषणाओं पर बहुत तेज़ी से अमल किया जाए. उन्होंने छिंदवाड़ा में संग्रहालय बनाने की घोषणा भी की थी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी 18 सितम्बर की जनसभा में जनजातीय युवाओं को रोज़गार से जोड़ने की बात कही थी. गाड़ी से राशन भिजवाने का एलान किया था.
दरअसल खंडवा लोकसभा सीट पर बड़ी संख्या में आदिवासी वोट हैं. इस सीट पर आदिवासी वोटर ही निर्णायक है. इसी बात को ध्यान में रखकर अमित शाह ने आदिवासियों के हित की घोशनाएँ कीं. अब चुनाव होने वाला है तो वही घोशनाएँ ही चुनावी एजेंडा बनकर उभर रही हैं.
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खंडवा हालांकि कांग्रेस का गढ़ रहा है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस अच्छा चुनाव लड़ी थी मगर मान्धाता और नेपल्नगर सीट से निर्वाचित कांग्रेस विधायक बीजेपी के साथ चले गए. उपचुनाव हुआ तो दोनों सीटें बीजेपी ने जीत लीं. अमित शाह की 18 घोषणाओं के ज़रिये बीजेपी उन सीटों को अपने पास बरकरार रखना चाहती है.