अविनाश भदौरिया
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर शुरू हुआ सियासी ड्रामा ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पल-पल बदलती महाराष्ट्र की सियासत पर राजनीतिज्ञ पंडित भी भविष्यवाणी करने से डर रहे हैं। दरअसल लोग समझ ही नहीं पा रहे कि इस पूरे खेल में कौन किसके साथ है और कौन किसको धोखा दे रहा है।
महाराष्ट्र में बीजेपी ने एनसीपी नेता अजित पवार के साथ सरकार बना ली है। एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री बने जबकि एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम बन चुके हैं। आज यानी कि सोमवार को अजित पवार को चर्चित सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ मामलों में राहत भी मिली है। वहीं मुंबई के हयात होटल में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों ने शरद पवार, सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे के नाम पर शपथ ली है और कहा कि वे किसी इस शपथ के प्रति निष्ठावान रहेंगे, किसी लालच में नहीं पड़ेंगे और गठबंधन के प्रति इमानदार बनें रहेंगे। इन विधायकों ने शपथ ली कि वे बीजेपी को समर्थन नहीं करेंगे। न ही अपनी पार्टी के खिलाफ काम करेंगे और पार्टी आलाकमान का आदेश मानेंगे।
Mumbai: Shiv Sena-NCP-Congress MLAs assembled at Hotel Grand Hyatt take a pledge, “I swear that under the leadership of Sharad Pawar, Uddhav Thackeray & Sonia Gandhi, I will be honest to my party. I won’t get lured by anything. I will not do anything which will benefit BJP.” pic.twitter.com/WBZyMHlYx2
— ANI (@ANI) November 25, 2019
इस पूरे घटनाक्रम के बाद सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि, आखिर एनसीपी के विधायक शरद के साथ ही रहेंगे या फिर अजित पवार के साथ बीजेपी के पक्ष में वोटिंग करेंगे। पेंच तो इस बात पर भी फंसा है कि अजित पवार खुद को अभी भी एनसीपी का ही नेता बता रहे हैं और बीजेपी की सरकार को बहुमत दिलाने का दावा भी कर रहे हैं। ऐसे में एक बात एकदम स्पष्ट होती है कि महाराष्ट्र की पूरी कहानी में शरद पवार की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। शरद पवार अगर शिवसेना और कांग्रेस को गुमराह कर रहे हैं तब तो बीजेपी फ्लोर टेस्ट में बहुमत हासिल करने में सफल रहेगी लेकिन अगर शरद पवार वास्तव में बीजेपी के खिलाफ हैं तब बीजेपी का फ्लोर टेस्ट पास कर पाना आसान नहीं होगा।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या महाराष्ट्र में सरकार बनाने की जल्दबाजी में बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से कोई चूक हो गई है। क्योंकि देवेन्द्र फडणवीस फ्लोर टेस्ट में फेल हो जाते हैं तो इससे बीजेपी की बड़ी फजीहत होना तय है। पत्रकार धीरेन्द्र अस्थाना का कहना है कि अगर बीजेपी ने अजित पवार के भरोसे महाराष्ट्र में सरकार बनाई है तो इस सरकार का गिरना तय है लेकिन इस पूरे खेल के पीछे शरद पवार हैं तो शिवसेना को तगड़ा झटका लगने वाला है।
बता दें कि, सोशल मीडिया में ऐसी ख़बरें भी चल रही हैं कि महाराष्ट्र के पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में देवेन्द्र फडणवीस ने केन्द्रीय नेतृत्व को गुमराह किया है। जिसके चलते बिना पूरी तैयारी फडणवीस को शपथ दिला दी गई और अब मामला उल्टा पड़ता दिख रहा है।
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