जुबिली न्यूज़ डेस्क
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन लगातार चौथे दिन रविवार को भी जारी है। दिल्ली पुलिस ने किसानों को बुराड़ी में निरंकारी आश्रम तक आने की इजाजत दी है, लेकिन ज्यादातर किसान सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर जमे हैं। इनका कहना है कि हमें जंतर मंतर जाने की इजाजत दी जाए, नहीं तो यहीं प्रदर्शन करेंगे।
गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव पर किसानों ने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है। अमित शाह ने कहा था कि अगर किसान बुराड़ी ग्राउंड जाते हैं तो सरकार उनसे तुरंत बात करेगी। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत गृह मंत्री की इस शर्त से नाराज हैं।
उन्होंने कहा है कि सरकार उनपर पर दबाव डालने की कोशिश कर रही है। राकेश टिकैत ने कहा कि ये गुंडागर्दी वाली बात है क्या…कि वहां पर आओगे तभी बात होगी। राकेश टिकैत ने कहा कि आखिर किसान यहां क्यों आए हैं, क्योंकि उन्हें समस्या है, कभी यहां आए हैं। हम चाहते हैं कि सरकार बात करे।
किसान आंदोलन का आगे क्या रुख होगा, इसको लेकर रविवार को सुबह 11 बजे के करीब एक बैठक होगी। उसके बाद ही तय होगा कि किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे या सुरक्षित इलाके में जाएंगे।
केंद्र ने फिर कहा कि सरकार किसान संघों से 3 दिसंबर को बातचीत के लिए तैयार है। सूत्रों ने बताया कि किसानों को बुराड़ी पहुंचाने के लिए अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं से बात की है, लेकिन किसान हिलने को तैयार नहीं हैं। उन्हें लगता है कि हाइवे छोड़ने पर उनकी स्थिति कमजोर होगी। वे चाहते हैं कि मंत्री बॉर्डर पर आकर बात करें।
दिल्ली से लगते गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान डटे हैं। उन्हें बिना ट्रैक्टर प्रवेश की इजाजत दी गई है। हरियाणा के जींद, पानीपत से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर आ रहे हैं। वहीं, बुराड़ी पहुंचे किसानों के लिए टेंट, खाने-पीने का इंतजाम किया गया है। कोराना जांच की भी व्यवस्था की गई है।
दूसरी ओर किसान गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बाद भी शनिवार को नाराज नजर आए। भारतीय किसान यूनियन- पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने कहा कि अमित शाह जी ने सशर्त जल्दी मिलने की बात कही है जो कि ठीक नहीं है। उन्हें बिना शर्त खुले दिल से बातचीत की पेशकश करनी चाहिए।
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है।
केन्द्र सरकार द्वारा कृषि से सम्बन्धित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आन्दोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
— Mayawati (@Mayawati) November 29, 2020
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आंदोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।