जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की अमेठी से दिल को दहला देने वाला मामला सामने आया है। पिता के आंख के सामने बेटी चीख रही थी, चिल्ला रही थी! एक पिता मजबूर था जो अपनी बेटी को न बचा सका। इस पिता ने एक तरफ अपनी बेटी को जलते देखा तो दूसरी तरफ छत के रास्ते उन लड़कों को भागते भी देखा जिन्होंने इनकी बेटी को आग के हवाले कर दिया था, जिन्होंने तड़पा-तड़पा कर एक नाबालिग बच्ची की जान ले ली थी। कैसे पिता अपनी बेटी के उन आखिरी पलों को भूल पाएगा जब उसने अपनी बेटी को आग की लपटों के बीच तड़पते देखा होगा।
‘मेरी बेटी को जला कर मारा गया है’
ये मामला उत्तर प्रदेश की अमेठी का है। शाम का वक्त था पिता घर के पास ही मौजूद एक बैंक में गए हुए थे। तभी लड़की कजिन दौड़े-दौड़े बैंक में पहुंचा और उसने बताया कि दीदी के ऊपर आग लग गई है। पिता दौड़े-दौड़े अपने घर पहुंचे तब तक उनकी 14 साल की बेटी पूरी तरह से आग के हवाले हो चुकी थी। उसी दौरान उन्हें छत के रास्ते 7-8 लड़कों को भागते देखा। एक पिता अपनी बेटी को तो न बचा पाया, लेकिन उसके कातिलों को जरूर पहचान गया।
पिता ने 7-8 लड़कों के खिलाफ लिखाई रिपोर्ट
इस पिता के मुताबिक इनमें से दो लड़के लोहांगी के रहने वाले फैजान और गुफरान थे, इसके अलावा 2 कस्बा के रहने वाले प्रिंस पाल और जावेद खान थे। इनके साथ तीन चार लड़के और भी थे जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है। लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर इनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच चल रही है, लेकिन सवाल यही है कि क्यों इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। क्यों इस तरह के अपराधियों के अंदर डर नहीं है। कैसे इनकी इतनी हिम्मत हो जाती है कि किसी लड़की उसके घर में जाकर जला के मार देते हैं।
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बेटियों को लेकर माता-पिता में डर!
बता दे कि अब तक इस मामले में पूरी तरह से तस्वीर साफ नहीं है कि लड़की को क्यों जलाया गया, फैजान, गुफरान, जावेद खान और प्रिंस की लड़की से क्या दुश्मनी थी, ये सारी बातें जांच का विषय हैं, लेकिन नाबालिग बच्ची की इस तरह से हत्या ने सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल ये है कि क्यों अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो रहे हैं कि किसी के घर में जाकर आग लगा दें। क्यों एक के बाद एक लड़कियां अपराध की बलि चढ़ रही हैं और प्रशासन ऐसे मामलों को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहा है। इस तरह की घटनाओं के बाद बेटियों के माता-पिता का डर बढ़ना लाजमी है।