जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान का पूरा कब्जा हो चुका है और बहुत जल्द वहां पर अपनी सरकार बनाने की तैयारी में है। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से अमेरिका सवालों के घेरे में है और पूरी दुनिया में उसकी कड़ी आलोचना हो रही है।
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को खुद का पाक साफ बता रहे हैं। उन्होंने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा है कि हम फेल नहीं हुए हैं, अफगान लीडरशिप और सेना ने हाथ खड़े किए हैं।
बाइडेन ने ये भी कहा कि हमने तो अफगान सेना पर बड़ा खजाना खर्च किया, उन्हें ट्रेनिंग दी, हथियार दिए। इस दौरान उन्होंने साफ कह दिया है कि अमेरिका ने जो अफगान सेना को दिया वो उसके काम नहीं आया और तालिबान ने अपनी ताकत के बल पर वहां पर कब्जा जमाया है।
इस दौरान बाइडेन ने यह भी कहा था कि उसने अफगानिस्तान को आधुनिक हथियार दिये हैं लेकिन वो अफगानस्तिान के काम नहीं आया है लेकिन यही हथियारों का जखीरा अब तालिबान के कब्जे में आ गया है।
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बताया जा रहा है कि अमेरिकी फौज अत्याधुनिक हथियारों का जखीरा अफगानिस्तान में छोडक़र चली गई है। वो अब तालिबान के हाथ लग गया है।
ऐसे में तालिबान अब पहले से ज्यादा मजबूत हो गया है। उसके पास हथियारों का जखीरा होने से एक बात तो साफ हो गई है वो अब पहले से ज्यादा मजबूत है और वो सेना की तरह जंग भी कर सकता है।
इतना ही नहीं इन हथियारों के सहारे अब तालिबान किसी को चुनौती दे सकता है। इस हथियार को पाने में उसे कोई खास मेहनत नहीं करनी पड़ी। इन हथियारों में टैंक से लेकर बख्तरबंद गाड़ियां और तोप, हेलिकॉप्टर के साथ-साथ राइफलें भी शामिल है।
तमाम अत्याधुनिक वेपंस के सहारे तालिबान के हौंसले और बुलंद होते नजर आ रहे हैं। अफगान नेशनल आर्मी के 3 लाख से ज्यादा हथियार भी तालिबान के पास हैं
तालिबान को मिले ये हथियार
- 44 दमदार टैंक
- 1016 बख्तरबंद गाड़ियां
- कम से कम 775 तोपें
- लैंडमाइन से बचाने वाले 20 वाहन
बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां अफरातफरी का माहौल है। सबसे ज्यादा महिलाएं डरी हुई हैं। हालांकि तालिबान ने अफगानिस्तान में शांति का एक नया युग लाने के वादा किया है जिसमें महिलाओं के अधिकार भी शामिल हैं।