न्यूज डेस्क
कम से कम कोरोना वायरस ने तो अमेरिका को यह एहसास करा ही दिया है कि वह सबसे ताकतवर नहीं है। अब तक पूरी दुनिया में अपनी बादशाहत के लिए प्रसिद्ध अमेरिका ने कभी सपने में नहीं सोचा होगा कि इस जैविक युद्ध में इसे मुंह की खानी पड़ेगी। इस समय अमेरिका कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। जहां हर रोज सैकड़ों लोग इस महामारी से अपनी जान गवां रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ रही है जिसका नतीजा है कि लोग भोजन के संकट से जूझ रहे हैं।
अमेरिका में कोरोना वायरस का तांडव चरम पर है। महामारी के कारण देश में 2.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो चुके हैं। लोगों के पास पैसे नहीं है कि वह अपने खाने का इंतजाम कर सके। ऐसे में उनका सहारा फूड बैंक बन रहे हैं जहां लोगों को अपना पेट भरने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। लोग घंटों कतारों में लगे रहते हैं ताकि उन्हें भोजन मिल सके। फूड बैंकों के सामने जहां तक नजर जा सकती है वहां तक कारों की कतारें लगी हुई हैं और लोग दान लेने के लिए खड़े हैं।
लॉकडाउन और सख्त पाबंदियों के कारण एक के बाद एक कारोबार बंद होने से 2.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए और वे खाने-पीने के लिए दान दाताओं पर निर्भर हो गए हैं। वहीं दान दाताओं को भय है कि एक दिन ऐसा आएगा कि मांगों की सुनामी को वह पूरा नहीं कर पाएंगे।
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पेंसिल्वेनिया के ग्रेटर पिट्सबर्ग कम्युनिटी फूड बैंक द्वारा स्थापित एक वितरण केंद्र में भोजन के पैकेट की मांग मार्च महीने में 40 फीसदी तक बढ़ गई। इस तरह के आठ वितरण केंद्रों में करीब 227 टन भोजन पैकेट बांटे जा रहे हैं, क्योंकि परिवार भोजन का इंतजाम करने में नाकाम है। यहां एक दिन एक हजार कारें भोजन के लिए कतार में खड़े होते देखा गया।
इस संगठन के उपाध्यक्ष ब्रायन गुलिश कहते हैं, ऐसा पहली बार हुआ है जब बहुत से लोग हमारी सेवा ले रहे हैं। इस समय आने वाले लोगों में बहुत से लोगों ने इससे पहले कभी भी फूड बैंक का रुख नहीं किया था। दरअसल बहुत सारे लोगों को मालूम ही नहीं है कि दक्षिण पश्चिम पेंसिल्वेनिया में 350 फूड बैंक हैं।
लंबी कतारों पर गुलिश कहते हैं, लोगों को अन्य फूड बैंकों के बारे में मालूम नहीं है, इसलिए लोग एक ही केंद्र पर आ रहे हैं। इन लोगों को मालूम नहीं है कि हमारा नेटवर्क इतना बड़ा है। दरअसल न्यू ऑरलीन्स से लेकर डेट्रोइट तक पूरे अमेरिका में लोग अचानक से बेरोजगार हो गए हैं और वे फूड बैंकों की तरफ रुख कर रहे हैं।
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खाद्य असुरक्षा की सबसे दुखद तस्वीर 9 अप्रैल को टेक्सास के सैन एंटोनियो में सामने आई थी, जहां एक फूड बैंक के बाहर 10,000 कारें दिखाई दीं। कुछ परिवार रात में ही आकर इंतजार में बैठ गए थे। बॉस्टन के चेल्सी में खाद्य वितरण केंद्र के बाहर खड़ी एक महिला ने कहा, “हमारे पास महीनों से काम नहीं है।”
अमेरिका में लॉकडाउन की वजह से रेस्तरां बंद हैं। लोग सुपर मार्केट से हर चीज उठाकर घर में जमा कर ले रहे हैं। कुछ बड़े कारोबारी फूड बैंकों की नकद मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
कोरोना की महामारी ने कुछ देशों की हालत बहुत ही खराब कर दी है। कई देश आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। लोगों के सामने भोजन का संकट उत्पन्न हो गया है। जब सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका कोरोना के जंग में असहाय नजर आ रहा है तो अन्य देशों की बात करना बेमानी लगता है।
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