जुबिली न्यूज डेस्क
अफगानिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान में चार देशों की हुई मुलाकात के बाद अमेरिका ने बयान जारी अफगानिस्तान के गंभीर मानवीय स्थिति और आर्थिक संकट पर चिंता जताई है। साथ ही अमेरिका ने अफगान नागरिकों के लिए समर्थन की अपनी बात दोहराई है।
इस्लामाबाद में गुरुवार को अफगानिस्तान को लेकर हुई चर्चा के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान जारी कर देश से बाहर जाना चाह रहे लोगों को सुरक्षित रास्ता देने की तालिबान की प्रतिबद्धता का स्वागत किया।
अमेरिका ने तालिबान से सभी अफगान नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए समावेशी सरकार बनाने के लिए अपील की।
अमेरिका ने यह भी कहा कि अफगान समाज में महिलाओं और लड़कियों की भी समान रूप से हिस्सेदारी होनी चाहिए।
अपने बयान में अमेरिका ने कहा कि वो जल्द से जल्द स्थिर और समृद्ध अफगानिस्तान बनाने की दिशा में उदारवादी और विवेकपूर्ण नीतियां लाने के लिए तालिबान से चर्चा जारी रखेंगे।
यह भी पढ़ें : विपक्ष के आलोचना के बाद भी सावरकर के नाम का प्रचार करने में जुटी भाजपा
यह भी पढ़ें : ‘राजनीतिक दलों को पैसा देने वाले आधे से अधिक लोगों का अता-पता नहीं’
यह भी पढ़ें : चिराग पासवान को बीजेपी ने दिया एक और झटका
इस्लामाबाद में बीते गुरुवार को पाकिस्तान, चीन, रूस और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक की। इसे ‘ट्रॉएका प्लस’ कहा जा रहा है।
इस बैठक के बाद इन प्रतिनिधियों ने तालिबान के वरिष्ठ प्रतिनिधि से मुलाकात भी की। तालिबान सरकार के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मोत्तकी भी एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में हिस्सा लेने आए थे।
Deliberations of the Troika Plus meeting comprising US, Russia, China & Pakistan would contribute to the ongoing efforts for achieving lasting peace & stability in Afghanistan.
🇵🇰 🇷🇺 🇨🇳 🇺🇸 pic.twitter.com/y1OK963Be2— Government of Pakistan (@GovtofPakistan) November 11, 2021
अमेरिका ने क्या-क्या कहा?
अमेरिका ने अफगानिस्तान की आपात मदद के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के फैसले की प्रशांसा की, लेकिन चिंता जताई कि आर्थिक संकट की स्थिति में वहां मानवीय संकट पैदा हो सकता है और शरणार्थियों की नई समस्या खड़ी हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र से अमेरिका ने अपील की कि वो और उससे जुड़े संगठन अफगान लोगों तक मदद पहुंचाने की अंतराष्ट्रीय समुदाय की कोशिशों के कार्यान्वयन के लिए विशेष कार्यक्रम बनाएं।
यह भी पढ़ें : …तो भारत का नंबर 1 दुश्मन पाकिस्तान नहीं चीन है!
यह भी पढ़ें : ‘भीख में आजादी’ पर कंगना को नवाब मलिक की खरी-खरी
अमेरिका ने कहा कि मानवीय राहत अबाध्य तरीके से पहुंच सके इसके लिए सर्दियों के शुरू होने से पहले अफगानिस्तान में अलग-अलग हिस्सों में ऐसे एयरपोर्ट बनाए जाने चाहिए जहां कमर्शियल उड़ानें उतर सकें।
हाल ही में अफगानिस्तान में हुए चरमपंथी हमले की अमेरिका ने कड़ी आलोचना की और तालिबान से अपील की कि वो सभी अंतरराष्ट्रीय चरमपंथी संगठनों से अपने संबंध खत्म करे, ऐसे समूहों के निर्णायक तरीके से खत्म करे और देश के भीतर किसी भी चरमपंथी संगठन को जगह न दे।