जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है और थमने का नाम नहीं ले रही है। इस जंग की वजह से दुनिया कई हिस्सों में बटती हुई नजर आ रही है।
इसी जंग की वजह से रूस और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। जहां एक ओर अमेरिका रूस को काबू करना चाहता है तो दूसरी ओर रूस भी लगतार अमेरिका के खिलाफ अपनी रणनीति को मजबूत कर रहा है।
हाल ही में ओपेक प्लस के 24 देशों की ओर से तेल उत्पादन में कटौती को लेकर जो फैसला लिया गया है, उससे यही सवाल उठता है।
अमेरिका की ओर से तेल उत्पादन कम न करने की तमाम अपीलों को दरकिनार करते हुए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक देशों ने रूस के स्टैंड का ही साथ दिया है।
इन देशों ने प्रति दिन 2 मिलियन बैरल तेल उत्पादन कम करने का फैसला लिया है। इसके बाद से अमेरिका की मुश्किलें बढ़ती जा रही है और वो विश्व स्तर पर अलग-थलग पड़ता हुआ नजर आ रहा है।
हालात तो इतने खराब हो गए है रूस के साथ जो भी देश खड़ा नजर आ रहा है उनके साथ वो अपने रिश्तों को लेकर फिर से समीक्षा करने की बात कह रहा है।
इसका ताजा उदाहरण है कि साउथी अरब। दरअसल सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओपेक देशों ने रूस के स्टैंड का ही साथ दिया है। इन देशों ने प्रति दिन 2 मिलियन बैरल तेल उत्पादन कम करने का फैसला लिया है।
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इसके बाद अमेरिका का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है और उसने सऊदी अरब को चेतावनी देते हुए उसके साथ रिश्तों की समीक्षा करने की बात कही है। हालांकि सऊदी अरब ने अपने कदम को पीछे नहीं करने का इशारा देता हुआ नजर आता है।