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अमेरिका : जो बाइडन की जीत पर लगी मुहर

जुबिली न्यूज डेस्क

फिलहाल डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन की जीत औपचारिक पुष्टि कर दी गई है। अमेरिका के सभी 50 राज्यों के इलेक्टोरल कॉलेज ने  उन्हें 306 मत मिलने की पुष्टि की है।

अमेरिकी राष्ट्रपति  चुनाव में जीत के लिए इलेक्टोरल कॉलेज के 270 मतों की जरूरत होती है।

हालांकि बाइडन की जीत पहले ही साफ हो चुकी थी लेकिन राष्ट्रपति का पदभार संभालने के लिए ये सबसे अंतिम कदम था जो अब पूरा हो गया है।

अब जो बाइडन को 20 जनवरी को राष्ट्रपति  पद की शपथ दिलवाई जायेगी। बाइडन की जीत की पुष्टिï होने के बाद अब डोनाल्ड ट्रंप के अगले कदम पर सबकी निगाह बनी हुई है।

इस बात की संभावना अब भी कम है कि ट्रंप अपनी हार स्वीकार करेंगे।

मालूम हो कि नवंबर में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन को 306 और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 232 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिले थे।

इलेक्टोरल कॉलेज

अमेरिकी चुनावों में मतदाता अपने वोट ‘इलेक्टर्स’ को देते हैं और चुने गए इलेक्टर्स कुछ हफ्तों बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं।

जो बाइडन को इलेक्टोरल कॉलेज में जीत मिलने के बाद भी ट्रंप ने नतीजों को स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था।

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सामान्य तौर पर इलेक्टोरल कॉलेज में जीतने के बाद इलेक्टर्स के मतदान को बहुत महत्व नहीं दिया जाता क्योंकि नतीजा पहले ही साफ होता है।

लेकिन, इस बार डोनाल्ड ट्रंप की आपत्तियों और इस चुनाव के नतीजों को कोर्ट में चुनौती देने के कारण इलेक्टर्स के मतदान पर भी सभी की नजर थी।

कौन होते हैं इलेक्टर्स

अमेरिका में हर राजनीतिक दल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के अलावा चुनाव के दिन से महीनों पहले अपने इलेक्टर्स चुनती है या नामांकित करती है।

जो राजनीतिक दल राज्य के पॉपूलर वोट जीतती है वो ही उस राज्य के लिए इलेक्टर्स की नियुक्ति करती है।

इस बार के सबसे लोकप्रिय इलेक्टर्स में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन शामिल थे। उन्हें न्यूयॉर्क से चुना गया था। इलेक्टोरल वोटों की संख्या राज्य की आबादी के आकार के हिसाब से तय होती है।

अमूमन इलेक्टर्स अपनी ही पार्टी के उम्मीदवार को वोट देते हैं लेकिन 2016 में ऐसा नहीं हुआ था और इसे रोकने के लिए राज्यों को बाद में कुछ नियमों में बदलाव किए। विशेषज्ञों का कहना है कि अब जो बाइडन की जीत तय हो चुकी है उसे बदला नहीं जा सकता।

अब मतदान के नतीजे वॉशिंगटन भेजे जाएंगे और 6 जनवरी को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में आधिकारिक तौर पर उनकी गिनती होगी। इसकी अध्यक्षता उपराष्ट्रपति माइक पेंस करेंगे। इसके बाद 20 जनवरी को जो बाइडन के राष्ट्रपति की शपथ लेने का रास्ता खुल जाएगा।

पिछले महीने डोनॉल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर इलेक्टोरल कॉलेज में जो बाइडन अपनी जीत की पुष्टि कर देते हैं तो वो ऑफिस से हट जाएंगे।

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क्या करेंगे डोनाल्ड ट्रंप

इलेक्टोरल कॉलेज की बैठक में राष्ट्रपति का चुनाव एक ऐसी प्रक्रिया है जो अपनी ताकत और प्रासंगिकता पहले ही खो चुकी है। लेकिन, डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों ने इस प्रक्रिया को भी महत्वपूर्ण बना दिया।

डोनाल्ड ट्रंप की कानून विशेषज्ञों की टीम को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को चुनौती देने में बहुत कम सफलता मिली थी, लेकिन, अब जो बाइडन की जीत की आधिकारिक पुष्टि ने सब कुछ साफ कर दिया है।

हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप की टीम हार मान लेगी। वो वोटों के एक वैक्लपिक सेट के साथ एक वैकल्पिक इलेक्टोरल कॉलेज की कार्यावाही कर रही है जो राष्ट्रपति को असली विजेता घोषित करेगा। वो निरर्थक कानूनी कार्रवाइयां जारी रखेंगे और कांग्रेस से चुनावी नतीजों को पलटने की मांग करेंगे।

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