जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना के नये स्ट्रेन के बीच दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारी चल रही है। कई देशों में तो वैक्सीन लगनी शुरु हो गई है।
एशिया के भी देश कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी में जुट गए हैं। इसी कड़ी में कोरोना वैक्सीन के लिए अमेरिका ने ईरान के सामने एक शर्त रखा है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि ‘अमेरिकी प्रशासन चाहता है कि कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए ईरान अमेरिकी बैंकों के माध्यम से ही भुगतान करे।’
दरअसल राष्ट्रपति रूहानी को डर है कि अमेरिका वैक्सीन के लिए दिये गए पैसे को जब्त भी कर सकता है।
ईरान पर 2018 में परमाणु समझौता तोडऩे के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं। दोनों देशों के बीच तभी से तनातनी जारी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका समेत कई देशों में ईरान की संपत्ति पहले से जब्त है और रूहानी के ताजा बयान से इस संबंध में ईरान की चिंता का पता चलता है।
ईरान की कोरोना वायरस टास्क फोर्स की एक बैठक में राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा, “हम कोरोना वैक्सीन के लिए उस देश से पैसा ट्रांसफर करना चाहते हैं, जहां हमारा पैसा है।”
बैठक में राष्ट्रपति रूहानी ने किसी देश का नाम लिये बिना यह भी दावा किया कि ‘उस देश को इस ट्रांसफर से कोई समस्या नहीं है।’
सैद्धांतिक रूप से, दवाओं पर किसी तरह के प्रतिबंध नहीं लगाये जाते हैं। लेकिन सच्चाई ये है कि अंतरराष्ट्रीय बैंक संभावित मुकदमेबाजी से बचने के लिए ईरान से जुड़े लेन-देन पर कुछ शर्तें रखते हैं।
रूहानी ने यह भी कहा कि ‘अमेरिका के ट्रेजरी ऑफिस ऑफ फॉरन एसेट्स कंट्रोल ने पहले संकेत दिये थे कि इस तरह की लेन-देन से उन्हें कोई समस्या नहीं है, लेकिन अमेरिकी प्रशासन ने अब अपना रूख बदल लिया है।’
रूहानी के मुताबिक, अमेरिका अब कह रहा है कि वैक्सीन खरीद के लिए जो भी पैसा ट्रांसफर होगा, उसे पहले अमेरिकी बैंकों से गुजरना पड़ेगा।
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इसी साल के अप्रैल महीने में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा था कि ‘ईरान ने अपनी 1.6 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति से जुड़ी कानूनी लड़ाई जीत ली है जिसे लंबे समय से लक्जमबर्ग में अमेरिका के अनुरोध पर जब्त करके रखा गया था।’
हाल ही में एक बैठक में रूहानी ने कहा, “आप जैसे लोगों पर कौन भरोसा कर सकता है? आपने हर जगह हमारे पैसे को चुराया है।”
मध्य-पूर्व के देशों में ईरान कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित है। फरवरी से अब तक ईरान में लगभग 12 लाख केस दर्ज हो चुके हैं और करीब 54 हजार लोगों की इस महामारी के कारण मौत हुई है।
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रूहानी ने कहा है कि इस कशमकश की वजह से वैक्सीन की खरीद में थोड़ी देर जरूर हो सकती है, पर वो इसमें सफल होंगे।