जुबिली न्यूज डेस्क
पूरी दुनिया कोरोना वैक्सीन का इंतजार कर रही है और यह इंतजार अब खत्म होने वाला है। दुनिया को कोरोना से मुक्ति मिलने वाली वैक्सीन जल्द मिलने की उम्मीद है।
अमेरिका को कोरोना वायरस के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। अमरीकी कंपनी मॉडर्ना के वैक्सीन ट्रायल के डाटा के शुरुआती नतीजे बहुत ही शानदार रहे हैं।
नतीजों के मुताबिक कोरोना महामारी के खिलाफ सुरक्षा देने वाली नई वैक्सीन 95 फीसदी तक कामयाब है।
कुछ ही दिन पहले ही दवा कंपनी फाइजर ने अपने टीके के 90 प्रतिशत लोगों पर कामयाब होने की जानकारी दी थी।
फिलहाल अब ऐसी उम्मीद है कि ये वैक्सीन कोरोना महामारी का अंत करने में मददगार साबित होंगी।
अमरीकी कंपनी मॉडर्ना का कहना है कि ये कंपनी के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और वह अगले कुछ सप्ताह में वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू करने के लिए अनुमति मांगने जा रही है।
हालांकि वैक्सीन के बारे में अभी शुरुआती डाटा ही उपलब्ध है और कई अहम सवालों के जवाब मिलने बाकी है।
कितनी कारगर है ये दवा
मार्डना की वैक्सीन का ट्रायल अमेरिका में तीस हजार लोगों पर हुआ है जिनमें से आधे लोगों को चार सप्ताह के अंतर पर वैक्सीन की दो डोज दी गई हैं। जबकि बाकी लोगों को डमी इंजेक्शन दिए गए।
कंपनी ने जो विश्लेषण पेश किया है वो उन पहले 95 लोगों पर आधारित है जिनमें कोविड-19 के लक्षण दिखाई दिए थे।
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जिन लोगों को वैक्सीन दी गई उनमें से सिर्फ पांच को ही संक्रमण हुआ, बाकी 90 लोगों को संक्रमण हुआ उन्हें डमी इंजेक्शन दिए गए थे।
कंपनी का दावा है कि ये वैक्सीन 94.5 प्रतिशत लोगों को वायरस से सुरक्षा दे रही है। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि ट्रायल के दौरान 11 लोगों में कोरोना का गंभीर संक्रमण हुआ। हालांकि इनमें से कोई भी ऐसा नहीं था जिसे वैक्सीन दी गई थी।
कब मिलेगी ये वैक्सीन?
वैक्सीन किसे मिलेगी ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी उम्र क्या है और आप दुनिया के किस हिस्से में रहते हैं।
मॉडर्ना का कहना है कि वो अमेरिका में वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति लेने के लिए अगले कुछ सप्ताह में आवेदन करेगी। कंपनी को उम्मीद है कि वो अमेरिका के लिए दो करोड़ डोज उपलब्ध करवा सकेगी।
कंपनी को उम्मीद है कि दुनियाभर के इस्तेमाल के लिए वो अगले साल सौ करोड़ डोज तैयार कर पाएगी। कंपनी दूसरे देशों में भी अनुमति लेने की तैयारी कर रही है।
वहीं ब्रिटेन का कहना है कि अगले साल मार्च तक 25 लाख लोगों के लिए मॉडर्ना का टीका उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
ब्रिटेन ने सबसे पहले सबसे बुज़ुर्ग लोगों को टीका लगाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।
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अभी तक हमें क्या नहीं पता है?
अभी हमें ये नहीं पता है कि वैक्सीन से पैदा होने वाली प्रतिरोधक क्षमता शरीर में कब तक रहेगी क्योंकि इसका विश्लेषण करने के लिए स्वयंसेवकों को लंबे समय तक फॉलो करना होगा।
हालांकि इस बात के संकेत जरूर मिले हैं कि ये वैक्सीन बुज़ुर्गों को भी कोविड-19 से सुरक्षा दे रही है। बुज़ुर्ग आबादी पर ही इस महामारी का सबसे ज़्यादा खतरा है। हालांकि इस बारे में भी अभी पूरा डाटा नहीं है।
अभी तक सुरक्षा को लेकर कोई अहम चिंता ज़ाहिर नहीं की गई है, लेकिन कोई दवा सौ प्रतिशत सुरक्षित नहीं है। पेरासीटामोल भी सौ प्रतिशत सुरक्षित नहीं है।
कुछ मरीजों में इंजेक्शन के बाद थकान, सिर दर्द और शरीर में दर्द की शिकायतें मिली हैं।