जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. कोरोना वैक्सीनेशन का रिकार्ड बनाने के चक्कर में स्वास्थ्य विभाग गज़ब के गड़बड़घोटाले में लग गया है. स्वास्थ्य विभाग ने तय कर लिया है कि वैक्सीनेशन के मामले में किसी भी सूरत में उत्तर प्रदेश के आंकड़े को देश में नम्बर वन पर दिखना चाहिए. इसी का नतीजा है हरदोई की तहसील शाहाबाद में रहने वाले एक ऐसे व्यक्ति को वैक्सीन लगा दी गई है जो हकीकत में सऊदी अरब में है.
शाहाबाद के मोहल्ला खेडा के रहने वाले अफसर अली सऊदी अरब के रियाद में इलेक्ट्रीशियन हैं. अफसर अली ने रियाद में वैक्सीन की पहली डोज़ चार अप्रैल को लगवाई और छह जून को भारत आ गए. 20 सितम्बर को उन्होंने जिला महिला अस्पताल में वैक्सीन की दूसरी डोज़ ली. वैक्सीनेशन के बाद अफसर अली को जो प्रमाणपत्र मिला उसमें पहली डोज़ का भी ज़िक्र था. इस प्रमाणपत्र के मुताबिक़ उसने सात मई को इसी अस्पताल में वैक्सीन की पहली डोज़ ली थी, जबकि उसके पास जो रिकार्ड मौजूद है उसके मुताबिक़ उसने पहली डोज़ चार अप्रैल को रियाद में ली थी.
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कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में कई जगह पर इसी तरह के फर्जी आंकड़े भरे गए हैं. लखनऊ के छोटे इमामबाड़े में पहली डोज़ लगवाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाने वाले जो लोग तय समय पर इमामबाड़े नहीं जा पाए उनके मोबाइल फोन पर भी पहली डोज़ लग जाने का मैसेज आ गया. इस मैसेज के बाद जो लोग विरोध करने पहुंचे उन्हें वैक्सीन लगवाने के लिए खूब पापड़ बेलने पड़े.
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में लोग समझाने के बावजूद वैक्सीन लगवाने नहीं गए लेकिन आंकड़े सही बनाने और अपनी नौकरी पर आंच आ जाने के डर से सरकारी कर्मचारियों ने ग्रामीणों को इस बात के लिए तैयार कर लिया कि वह अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें और अपना आधार कार्ड नम्बर बता दें. उन्हें इंजेक्शन नहीं लगेगा मगर सार्टिफिकेट मिल जाएगा. 100 करोड़ के आंकड़े को तैयार करने में कितने गड़बड़घोटाले हैं उसकी जांच हो जाए तो सरकार के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जायेगी.
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