जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति द्वारा अजान को लेकर उठाए गए सवाल पर अब सियासत शुरू हो गई है। दरअसल इस मामले में कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के डीएम को चिट्टी लिखी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि मस्जिद की अजान की वजह से उनकी नींद में खलल पड़ता है इसलिए इस पर एक्शन लिया जाए। इसके बाद इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई।
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया कि बीजेपी सिर्फ धर्म और जाती के मसले पर राजनीति करना चाहती है। सपा नेता अनुराग भदौरिया ने कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, सिर्फ जाति-धर्म की बात हो रही है रोज़गार पर जोर नहीं दिया जा रहा है। किसी भी शिक्षा संस्थान को इस तरह के मसले पर जोर नहीं देना चाहिए।
सपा नेता के बाद भाजपा के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने भी इस मामले में टिपण्णी की। उन्होंने कहा कि नमाज़ करना अधिकार है, लेकिन कोर्ट पहले ही कह चुका है कि लाउडस्पीकर लगाना निजता का हनन है। लॉउडस्पीकर का प्रयोग करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है।
दूसरी तरफ इस मामले को लेकर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि अज़ान तो सिर्फ 2-3 मिनट के लिए ही होती है। इसलिए शिकायत करने वालों को ये भी कहना चाहिए था कि जो सुबह आरती होती है, इससे भी उनकी नींद खराब हो जाती है। सिर्फ अजान के लिए इस तरह की शिकायत करना बिल्कुल गलत है, ऐसे में उन्हें अपनी शिकायत को वापस लेना चाहिए ।
इसके अलावा मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि हमारे देश में हर मजहब के लोग रहते हैं, कहीं मस्जिद की अजान होती है तो कहीं मंदिर में भजन-कीर्तन होते हैं। अगर कोई कहता है कि सिर्फ अजान के कारण ही नींद में खलल होता है, तो ये ठीक बात नहीं है।
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इलाहाबाद में कुंभ के दौरान, होली के दौरान या किसी अन्य त्योहार में भी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन किसी ने कोई चिट्ठी नहीं लिखी। ऐसे में ये एक साजिश है कि अजान को बंद करवाया जाए।
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गौरतलब है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने 3 मार्च को डीएम को एक चिट्ठी लिखी थी।इसमें उन्होंने कहा कि अजान के कारण उनकी नींद टूट जाती है और काम में खलल पड़ता है। इसी को लेकर पूरा विवाद हो रहा है। उनकी चिट्ठी पर डीएम का कहना है कि उचित कार्रवाई की जाएगी।