न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ में हुए हिंसा से जुड़े पोस्टर मामले में आज हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट में कल सुनवाई पूरी हो गई है। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट से फैसला सुरक्षित रख लिया है।
पोस्टर लगाने के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को तलब किया और पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। अपनी सख्त टिप्पणी में हाई कोर्ट ने कहा कि कथित नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाने की सरकार की कार्रवाई बेहद अन्यायपूर्ण है। यह संबंधित लोगों की आजादी का हनन है। ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाना चाहिए, जिससे किसी के दिल को ठेस पहुंचे।
चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने कहा कि पोस्टर लगाना सरकार के लिए भी अपमान की बात है और नागरिक के लिए भी। उन्होंने लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर से पूछा कि किस कानून के तहत लखनऊ की सड़कों पर इस तरह के पोस्टर सड़कों पर लगाए गए?
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर संबंधित व्यक्ति की इजाजत के बिना उसका फोटो या पोस्टर लगाना गलत है।पिछले साल दिसंबर महीने में लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल रहे 57 लोगों के नाम और पते के साथ शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर कुल 100 होर्डिग्स लगाए गए हैं।
ये सभी लोग राज्य की राजधानी लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हैं। प्रशासन ने पहले ही 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए इन सभी लोगों को वसूली के लिए नोटिस जारी किया है।
संपत्तियां होंगी जब्त
लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा था कि प्रशासन ने इनकी फोटो लगी हुई होर्डिग्स उन इलाकों में लगवाई, जहां इन्होंने तोड़फोड़ की थी। आगे अगर पुलिस साक्ष्य उपलब्ध कराएगी तो बाकियों से भी वसूली होगी। सभी को नोटिस जारी होने की तिथि से 30 दिन का समय दिया गया है। वसूली राशि जमा करने में असफल रहने की स्थिति में आरोपियों की संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।
घर के बाहर लग सकते हैं पोस्टर
डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि उपद्रवियों के पोस्टर और होर्डिग्स लगाने से दूसरे लोगों को सबक मिलेगा कि आगे किसी तरह के प्रदर्शन में बहकावे में आकर हिंसा या तोडफोड़ नहीं करें। ऐसा करने पर इसी तरह उनके घर के बाहर भी पोस्टर चस्पा हो सकते हैं।