न्यूज डेस्क
वाराणसी से चुने गये सांसद पीएम नरेंद्र मोदी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नोटिस जा किया है। कोर्ट ने इस नोटिस के जवाब के लिए पीएम को 21 अगस्त तक समय दिया है। इसके साथ ही एक निजी चैनल सहित अन्य विपक्षियों को पक्षकार से हटाने की याची की मांग स्वीकार कर ली है। इसके लिए याची के अधिवक्ता को अर्जी दाखिल करने का भी समय दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक बीएसएफ से बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव की चुनाव याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्त ने दिया है। इस याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र ने बहस की है। याचिका में कहा गया है कि याची ने वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए उसने नामांकन पत्र दाखिल किया था।
इसमें उसको पत्र में गलत जानकारी देने की बात कह कर उसे निरस्त कर दिया गया और उसे आपत्तियों पर जवाब दाखिल करने का समय भी नहीं दिया गया। जबकि कानून के मुताबिक जवाब दने के लिए 24 घंटे का समय मिलता है जो कि उन्हें नहीं मिला।
Allahabad HC y’day issued notice to PM Modi in connection with a petition challenging his election from Varanasi constituency in 2019 LS elections.The petition was filed by Tej Bahadur, ex-BSF jawan&SP candidate whose nomination was later cancelled. Next date of hearing 21 August pic.twitter.com/q6BmK23hQE
— ANI UP (@ANINewsUP) July 20, 2019
इसके अलावा दाखिल की गयी याचिका में चुनाव अधिकारियों पर राजनितिक दबाव में निर्णय लेने का आरोप लगाया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया गया है। याची का नामांकन बीएसएफ से उसकी बर्खास्तगी की जानकारी छिपाने के आधार पर निरस्त हुआ है। कोर्ट ने चुनाव आयुक्त सहित चुनाव अधिकरियों व न्यूज चैनल को पक्षकार बनाने पर आपत्ति की है।
इस पर याची ने पक्षकार से हटाने की मांग की। कोर्ट ने याची को अर्जी दाखिल करने की छूट दी है। इसके अलावा कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजने का आदेश दिया है। साथ ही उसका प्रकाशन दो समाचार पत्रों में कराने को भी कहा है।