सुरेन्द्र दुबे
दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम सामने आ गए हैं। यह आलेख लिखे जाने तक हालांकि मतगणना जारी थी परंतु रूझानों से स्पष्ट हो गया है कि आम आदमी पार्टी 60 से अधिक सीटें जीत कर दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। एक बात दिल्ली चुनावों की घोषणा के समय से बिल्कुल स्पष्ट थी कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ही तीसरी बार सरकार बनायेगी। जब चुनाव प्रचार अपने चरम पर था और भाजपा नफरत की बयार बहा रही थी तब भी यह स्पष्ट था कि सरकार आम आदमी पार्टी ही बनायेगी। 8 फरवरी को मतदान के बाद जब गोदी मीडिया के न्यूज चैनलों ने भी दिखा दिया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी ही सरकार बना रही है और उसे 48 से लेकर 60 सीटें तक मिल सकती हैं।
भाजपा को भी शुरु से ही अहसास था कि आम आदमी पार्टी को हराना टेढी खीर है। इसलिए उसने शुरु से ही दिल्ली चुनाव को राष्ट्रीय चुनाव के रूप में रंग-रोगन लगाकर पेश किया। इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, सांसद प्रवेश वर्मा सहित 250 सांसदों के साथ-साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रात-दिन प्रचार करते रहे। यहां तक कि चुनाव के दौरान भाजपा के अनेक सांसद पूरी-पूरी रात झुग्गी बस्तियों में रुके। सबको एक ही गाना दिया गया-नफरत फैलाना है, भाजपा को जिताना है। जाहिर है भाजपा की पूरी टीम अफवाहें व धार्मिक उन्माद फैलाने में जुट गई। उनकी किसमत से या कहें बदकिस्मती से शाहीन बाग भी मिल गया। जिसके इर्द-गिर्द सपेरे की तरह वे बीन बजाते रहे। ये तो मतगणना के बाद पता चला कि बीन का असर उल्टा हुआ और सांप ने सपेरे को ही डस लिया।
चलिए इनके स्टार प्रचारकों का लेखा जोखा लेते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इनके सबसे बड़े प्रचारक थे। जिन्होंने एक चुनाव सभा में कहा कि ईवीएम का बटन इतनी जोर से दबाना कि करंट शाहीन बाग में बैठे लोगों को लगे। जाहिर है करंट लगने से आदमी हताहत हो सकता है, इसलिए शाहीन बाग के लोग होशियार हो गए और करंट स्वयं भाजपा को लग गया। इनके दूसरे खतरनाक प्रचारक थे केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर। जिन्हें लगा कि अगर शाहीन बाग के लोग करंट से न मरें तो भाजपा कार्यकर्ताओं को दूसरी तजवीज भी बता दी। उन्होंने कहा कि देश के गद्दारों को गोली मारो…। पर मतदाता इससे डरे नहीं और फायरिंग बैक फायर कर गई, जिससे भाजपाई स्वयं घायल हो गए। पता नहीं अब कब तक इन लोगों को अपना इलाज कराना पड़ेगा।
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा क्यों पीछे रहते। उन्होंने भांप लिया कि अमित शाह करो या मरो के मूड में आ गए हैं, सो उन्होंने मतदाताओं को जमकर भयभीत किया। कहा-अगर आम आदमी पार्टी जीत गई तो शाहीन बाग के लोग घर में घुसकर आपकी बहू बेटियों के साथ बलात्कार करेंगे। यह एक घटिया किंतु अत्यंत गंभीर चेतावनी थी, पर तब तक दिल्ली के मतदाता इनकी असलियत पहचान चुके थे। लिहाजा उनके इस झांसे में नहीं फंसे और जमकर आम आदमी के पक्ष में मतदान किया। प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी तक बता दिया। अब सवाल ये है कि अरविंद केजरीवाल का तो मुख्यमंत्री बनना तय है तो फिर क्या केंद्रीय गृहमंत्रालय उनके विरुद्ध आतंकवादी निरोधी कानून के तहत कार्रवाई करेगा।
चलिए एक बानगी चुनाव प्रचार में उतरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी ले लेते हैं। इनका एक ही स्टाइल है। हर समय मंदिर साथ लेकर चलते हैं और हिंदुओं को बिरयानी के नाम पर भड़काते रहते हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि बिरयानी अब हिंदुओं का भी प्रिय भोजन है और मांसाहारी से ज्यादा किस्मों की शाकाहारी बिरयानी खूब चलन में है। दिल्ली के जनता ने वेज बिरयानी खूब चाव से खाई और नानवेज बिरयानी बेंचने वाले बाबाजी को टाटा कर दिया। यहां प्रधानमंत्री का भी जिक्र कर लेना ठीक होगा, जिन्होंने दिल्ली में दो रैलियां की और दोनों में मतदाताओं के पत्तल पर राष्ट्रवाद, अनुच्छेद 370 और तीन तलाक की पूडिय़ा परोसी, पर जनता ने अपने मन की रोटिया खाई जैसे मुफ्त बिजली-पानी और मोहल्ला क्लीनिक। कहने का मतलब है कि पूरा का पूरा कुनबा साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाता रहा और दिल्ली की जनता बड़ी खूबसूरती से अरविंद केजरीवाल के कामों के इर्द-गिर्द भागड़ा नृत्य करती रही। हो सकता है भाजपा अब दिल्ली की पराजय से सबक लेते हुए जनता की मूल समस्याओं की ओर भी निहारना शुरु करें। अगर वह ऐसा नहीं करेगी तो फिर उसे निहारन में कुछ नहीं मिलेगा।
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