जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों आजमगढ़ और रामपुर में जोरदार प्रदर्शन किया है। दरअसल दोनों जगहों पर उसने जीत हासिल की है और सपा के हाथ दोनों सीटे हाथ से अब निकल गई है।
आजमगढ़ उपचुनाव में अखिलेश को उम्मीदों को तब झटका लगा जब बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव और बीएसपी के गुड्डू जमाली को आसानी से पराजित कर दिया जबकि उत्तर प्रदेश में रामपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी (bjp) प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने सपा प्रत्याशी आसिम राजा को हरकार बीजेपी को जीत का तोहफा दिया है। आमतौर पर आजमगढ़ को सपा का गढ़ माना जाता है।
बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी के 2014 के लहर और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से जीत नहीं दर्ज कर पाई थी। इस हार से सपा में निराशा है और उसको अब आगे की चिंता सताने लगी है।
हालांकि अब अखिलेश यादव एक बार फिर एक्शन में नजर आ रहे हैं। दरअसल जानकारी मिल रही है कि सपा प्रदेश अध्यक्ष को छोडक़र समाजवादी पार्टी के सभी संगठन भंग कर दिया गया है। इसमें सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, सहित राष्ट्रीय, राज्य कार्यकारिणी भंग करने का बड़ा कदम उठाया गया है।
सपा की तरफ से ट्वीटर पर इसकी जानकारी दी गई है। अखिलेश यादव ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी कार्यकारिणी को भंग करने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि 2022 विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव की सबसे बड़ी कार्रवाई की है।
हालांकि समाजवादी पार्टी यूपी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के लिए राहत की बात ये हैं कि वो अभी यूपी प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम करतेरहेंगे।
अब देखना होगा कि अखिलेश यादव पार्टी को मजबूत करने के लिए अगला कदम क्या उठाते हैं।
हार से सपा को बड़ा झटका लगा है और लोकसभा चुनाव अब उसके लिए बड़ी चुनौती है।