प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपितों को बाइज्ज़त बरी कर दिया है. अदालत ने कहा है कि बाबरी मस्जिद को पूर्व नियोजित ढंग से नहीं गिराया गया था. यह घटना अचानक उमड़े उन्माद की वजह से हुई थी.
सीबीआई अदालत ने कहा है कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में दूसरा पक्ष अदालत के सामने ऐसे साक्ष्य नहीं रख पाया जिससे कि जिन आरोपितों पर इल्जाम लगाये गए थे उन्हें दोषी ठहराया जा सके. अदालत ने कहा कि तस्वीरों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
बाबरी विध्वंस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व गृहमंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, कल्याण सिंह, महंत नृत्य गोपाल दास, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, लल्लू सिंह, साक्षी महाराज समेत सभी 32 आरोपितों को बरी कर दिया गया है. इस मामले में 49 लोगों पर आरोप तय किये गए थे 28 साल चले मुकदमे के दौर में 17 लोगों की मौत हो गई थी.
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लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने सीबीआई कोर्ट में खुद बेगुनाह बताया था जबकि साध्वी उमा भारती ने अदालत द्वारा दी गई कोई भी सज़ा के खिलाफ अपील नहीं करने की बात कही थी.