न्यूज़ डेस्क
खूंटी। कोचांग गैंपरेप मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए फादर आल्फांसो आईंद सहित सभी छह आरोपितों को आजीवन कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर दो- दो साल के अतिरिक्त कारावास की सजा दी गयी है।
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने सात मई को ही सभी छह आरोपितों को गैंगरेप मामले में दोषी करार दिया था और 17 मई को सजा सुनाने की तिथि तय की थी। कोर्ट के फैसले के बाद सभी दोषियों को खूंटी उपकारा भेज दिया गया था।
कोर्ट ने बाजी समद, अयूब सांडी पूर्ति और जुनास मुंडा को बलात्कार के आरोप में जबकि फादर अल्फोंस आईंद, बलराम समद को साजिशकर्ता और बलराम समद को सत्प्रेरक पाया।
झारखंडः कोचांग गैंगरेप मामले में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
पीड़ितों की ओर से सहायक लोक अभियोजक सुशील कुमार जायसवाल ने अदालत में दलीलें रखीं। मामले में 19 गवाहों के बयान दर्ज कराये गये। गवाह, पीड़िताओं के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने फादर अल्फोंस आईंद सहित सभी छह अभियुक्तों को दोषी करार दिया। फादर अल्फोंस को धारा 376डी/120बी, 354बी, 365/120बी के तहत दोषी पाया है।
बलराम समद और जोनास मुंडा को धारा 341/323/120बी, 109 और 111 के तहत दोषी करार दिया। जाॅन जुनास तिड़ू, बाजी समद उर्फ टकला को धारा 376डी, 354बी और 365 का दोषी पाया गया।
क्या था मामला
खूंटी में पिछले वर्ष 19 जून 2018 को खूंटी के अड़की थाना के कोचांग गांव में मानव तस्करी और अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाने गयी नाटक मंडली के महिला-पुरुष सदस्य गांव पहुंचे थे।
कोचांग के आरसी मिशन स्कूल से पांच लड़कियों को अगवा कर लिया गया था और जंगल में उनके साथ गैंगरेप किया गया। इस दौरान इसका वीडियो भी बनाया गया था। स्कूल के प्रिंसिपल फादर अल्फोंस आईंद की मौजूदगी में लड़कियों को अगवा किया गया था। बाद में उक्त धर्मगुरु अल्फोंस को पुलिस ने घटना की जानकारी न देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।