पॉलिटिकल डेस्क। लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) की असंतुष्ट विधायक अलका लांबा ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बयान से आप में खलबली मच गयी है। अलका ने कहा कि कि अगर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क किया जाता है तो वह प्रस्ताव पर विचार करेंगी। कांग्रेस और आप में गठबंधन को लेकर भी उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन की संभावना है।
विधायक अलका लांबा ने कहा कि यह समय भाजपा के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में शामिल होने का है और अगर कांग्रेस मुझसे संपर्क करती है तो मैं प्रस्ताव पर विचार करूंगी और इससे इंकार नहीं करूंगी। मैं दो दशक तक कांग्रेस में रही हूं। कांग्रेस अच्छा कर रही है और यह समय भाजपा के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने का है।
दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी अलका लांबा की घर वापसी की इच्छा का स्वागत किया है। दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि अलका लंबा हमारी फैमिली की मेंबर रही हैं अभी दूसरी पार्टी में है जो लोग वापस आना चाहते हैं हम उन सबका स्वागत करेंगे। चाको ने कहा कि अलका लांबा मूल रूप से कांग्रेस फिलॉसफी की रही हैं जो लोग पार्टी छोड़ कर गए थे आज या कल वह लोग पार्टी में वापस आ रहे हैं।
आप और अलका के बीच दो महीने से चल रही है तनातनी
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी और विधायक अलका लांबा के बीच तनातनी चल रही है। इनके बीच मतभेद बीते 2 महीनों से लगातार बना हुआ है। दिसंबर के आखिर में दिल्ली विधानसभा में भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लिए जाने का एक प्रस्ताव पास किया गया था।
आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि विधायक अलका लांबा ने दिल्ली कांग्रेस के एक नेता के कहने पर यह प्रस्ताव बिना पार्टी की सहमति के सोमनाथ भारती के जरिए 1984 हिंसा संबंधित मूल प्रस्ताव में शामिल करवाया, जिससे पार्टी की फजीहत हुई। हालांकि, आम आदमी पार्टी की तरफ से औपचारिक रूप से अलका लांबा के बारे में ऐसा कुछ नहीं कहा गया है, जबकि अलका लांबा का तभी से ये कहना है कि मैंने इस प्रस्ताव का विरोध किया था और सदन से बाहर चली गई थी।