जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टरों ने लापरवाही की ऐसी मिसाल पेश की जिसने चिकित्सा पेशे को कलंकित कर दिया. अस्पताल के ट्रामा सेंटर ने एक जिन्दा महिला को मृत घोषित करते हुए उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. पोस्टमार्टम वाले कमरे में शिफ्ट होते समय भावुक पति ने आख़री बार अपनी पत्नी का हाथ पकड़ा तो उसे करेंट सा लगा क्योंकि उसे नसों में जान महसूस हुई. उसने सीने पर हाथ रखा तो धड़कन महसूस की. नाक पर उंगली लगाई तो सांस चलती हुई पाई.
जिन्दा पत्नी को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने से नाराज़ पति ने जमकर हंगामा किया. वह पत्नी को लेकर वापस ट्रामा सेंटर पहुंचा और जमकर हंगामा किया. डॉक्टरों ने जब जाँच की तो यह गलती भी मानी की जिन्दा महिला को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था. महिला को आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
ग्वालियर के सबसे बड़े अस्पताल में लापरवाही का शिकार हुई यह महिला उत्तर प्रदेश के महोबा की रहने वाली जामवती है. जामवती सड़क हादसे में घायल हो गई थीं. घरवालों ने उन्हें झांसी के एक नर्सिंग होम में भर्ती करवाया था. उनकी गंभीर हालत के मद्देनज़र डॉक्टरों ने उन्हें ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफर कर दिया.
जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती किये जाने के बाद डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. मामला क्योंकि दुर्घटना में मौत का था इसलिए उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. जिन्दा महिला को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के मामले में अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर.के.एस. धाकड़ ने तीन सदस्यीय जाँच समिति गठित कर दी है. इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर लापरवाह डॉक्टरों पर कार्रवाई की जायेगी.
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