जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. अलगाववादी नेता यासीन मलिक को हुई उम्रकैद की सज़ा के बाद ख़ुफ़िया विभाग ने दिल्ली और एनसीआर में आतंकी हमले का एलर्ट जारी किया है. एलर्ट जारी होने के बाद पुलिस सुरक्षा बन्दोबस्त में जुट गई है. एलर्ट में कहा गया है कि दिल्ली और एनसीआर में टू व्हीलर पर ख़ास नज़र रखने को कहा गया है. जिन टू व्हीलर पर नम्बर प्लेट न हो या फिर चलाने वाले संदिग्ध नज़र आयें उन्हें फ़ौरन रोककर चेक किया जाए.
एनआईए ने अदालत से यासीन मलिक को फांसी देने की मांग की थी. यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा कि मुझे बुरहान वानी के इनकाउंटर के आधे घंटे के बाद ही गिरफ्तार किया गया था. मलिक ने कहा कि प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पासपोर्ट दिया. भारत में मुझे लेक्चर देने की इजाजत दी क्योंकि मैं अपराधी नहीं था. जज ने भी माना कि इस मामले से पहले यासीन मलिक के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं था. यासीन मलिक ने अदालत में कहा कि मैंने 1994 में हथियार छोड़ दिए थे. उसके बाद से मैं गांधी जी के बताये रास्ते पर ही चलता रहा. कश्मीर के लिए मैं लगातार अहिंसक राजनीति करता रहा, मलिक ने कहा कि अगर पिछले 28 साल में मुझे किसी भी हिंसा या आतंकी गतिविधि में शामिल साबित कर दिया जाए तो मैं फांसी मंज़ूर कर लूँगा.
बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर घाटी में बढ़ी आतंकी घटनाओं के लिए यासीन मलिक को ज़िम्मेदार ठहराया गया जबकि बुरहान वानी के इनकाउंटर के आधे घंटे बाद ही मलिक को गिरफ्तार कर लिया गया था. यासीन मलिक ने खुद को गांधीवादी और अहिंसक बताया लेकिन जब मलिक पर यूएपीए लगाया गया और गिरफ्तारी के बाद हुई आतंकी घटनाओं का दोषी ठहराया गया तो यासीन मलिक ने अदालत से कहा कि वह खुद पर लगाए गए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता. उसे सारे जुर्म क़ुबूल हैं. अदालत सज़ा सुना दे.