जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी भाजपा के नेता खुद को कानून से अलग मानते हैं इसका उदाहरण आए दिन देखने को मिलता रहा है। इस लाकडाउन में कई ऐसी घटनाएं हुई जिसने सत्ताधारी दल के नेताओं पर सवाल उठा दिया।
ताजा मामला देवरिया जिले का है जहां नगर पालिका के मनोनीत सभासदों को एक सभागार में शपथ दिला दी गई। इस कार्यक्रम में कई बड़े जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे।
यूपी कांग्रेस के महामंत्री विश्वविजय सिंह ने इस मामले को सार्वजनिक कर दिया । विश्वविजय का कहना है कि – जब जिलाधिकारी देवरिया ने स्प्ष्ट निर्देश दे रखा है कि 31 मई तक कोई भी सभागार नही खुलेगा और न ही कोई राजनैतिक कार्यक्रम आयोजित होगा तो फिर किसके आदेश पर सभागार खुला? और अपने ही बनाये नियमो को ताख पर रखकर शपथ दिलायी गयी।क्या सरकार इसके दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करेगी? या सारे नियम सिर्फ आमजन पर लागू होंगे।
यह पहली घटना नहीं है भाजपा के नेताओं पर नियमों का पालन न करने का आरोप लगा । संतकबीर नगर के एक विधायक पर अपने घर पर भीड़ जमा करने का मामला तूल पकड़ गया था।
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इसी तरह हाथरस में बीजेपी कार्यकर्ता 24 घंटे ड्यूटी करने वाले कोरोना योद्धाओं को सम्मानित कर रहे थे। इस कार्यक्रम के दौरान हाथरस के भारतीय जनता पार्टी के शहर अध्यक्ष शरद माहेश्वरी ने जिला अस्पताल पहुंचे और फिर उन पर सोशल डिस्टेंसिनग के नियमों की धज्जियां उड़ाने के आरोप लगे थे।