जुबिली न्यूज डेस्क
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बीमाधारकों को सचेत करते हुए भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए भारत के बीमाधारकों को सतेच करते हुए लिखा, “प्रिय ‘भारत के बीमाधारकों’, बीमा जैसे संवेदनशील-संकटकालीन उपचार में 100% विदेशी पूंजी के निवेश को अनुमति देना क्या भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार द्वारा ‘बीमा क्षेत्र’ को ही जोखिम में डालना नहीं है।
कई बार विभिन्न कारणों से वैदेशिक संबंधों में उतार-चढ़ाव और खटास के दौर भी आते हैं, ऐसे में कुछ भी व्यवधान आया तो विदेशी कंपनी की ज़िम्मेदारी और जवाबदेही कैसे सुनिश्चित की जाएगी, इस अनिश्चितता का बीमा कौन करेगा। क्या अपने देश के बीमा लेनेवालों के अधिकारों की 100% गारंटी लेने के लिए भाजपा जैसी जुमला सरकार पर देशवासी भरोसा कर सकते हैं।”
इन नये प्रावधानों से विदेशी बीमा कंपनियों के हितों की तो 100% सुरक्षा हो जाएगी लेकिन बीमा लेनेवालों हमारे देश के लोगों का क्या होगा। माना ये विदेशी कंपनियाँ जमा हुई बीमा राशि को पूरी तरह देश में ही निवेश करती हैं तब भी ये सवाल तो उठेगा ही कि वो जो लाभ कमाएंगी, क्या उसका आधा भी हमारे देश में लगाएंगी या पूरा ही अपने देश ले जाएंगी।
ये बातें जनता के सामने एकदम साफ़-साफ़ आनी चाहिए। बीमा जैसे जटिल विषयों पर छोटे अक्षर-आकार में छपी बातों और शर्तों को बड़े अक्षरों में छापकर संदेह से परदे उठाने का उत्तरदायित्व सरकार पर है। इस मामले में जल्दीबाज़ी अच्छी नहीं।
बीमा प्रीमियम टैक्स हटाकर दिखाए भाजपा
भाजपा सरकार ये भी गारंटी दे कि वो विदेशी कंपनियों के लाभ में से चंदा वसूली करके, पीठ पीछे प्रीमियम को बढ़ाने का खेल खेलकर जनता की जेब पर डाका नहीं डालेगी। अगर भाजपा को सच में जनता का ख़्याल है तो उन्होंने अपने भाजपाई शासन काल में बीमा प्रीमियम पर जो टैक्स थोप दिया है, वो हटाकर दिखाए।
वैसे भी अच्छी स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवा का दायरा बढ़ाकर लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ाने और उनको मेडिकल के महा-ख़र्चों से बचाने की ज़िम्मेदारी सरकार की ही है, ऐसे में वो जीवन या स्वास्थ्य-चिकित्सा बीमा जैसे जनता से सीधे जुड़े क्षेत्रों पर टैक्स लेने का अधिकार ही नहीं रखती है। ये तो सरकार की जनता के प्रति नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है। अगल सरकार नाकाम है तो उसका ख़ामियाज़ा जनता क्यों भरे।
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भाजपा की सबसे बड़ी कमी यही है कि वो देश की जनता को ‘नागरिक’ नहीं, ‘ग्राहक’ समझती है। भाजपा की सोच व्यावसायिक है, इसीलिए वो ‘लाभ’ के बारे में सोचती है, जनकल्याण के बारे में नही। देश के बीमाधारकों के हितों के लिए प्रतिबद्ध। आपका अखिलेश