न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर से नोटबंदी के लिए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नोटबंदी करते वक्त ये दावा किया था कि इससे आतंकवाद को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
फिर किस आधार पर सरकार द्वारा ये कहा जा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(पीएफआई) के खाते में 145 करोड़ रुपये जमा किए गए। अगर इस संगठन को देश के भीतर या बाहर से कोई मदद मिल रही है तो सरकार को साफ करना चाहिए कि यह पैसा कहां से आ रहा है और कौन लोग इस व्यवस्था को चला रहे हैं।
अखिलेश यादव सोमवार को पत्रकारों से मुखातिब थे। उनसे पूछा गया था कि सरकार ने दिसंबर में सीएए के आंदोलन के दौरान हिंसा के लिए जिस संगठन पीएफआई को जिम्मेदार बताया था उसके खातों की जांच से यह जानकारी निकलकर सामने आ रही है।
अखिलेश ने कहा कि सरकार को इस मामले की तहकीकात करके सच को जनता के सामने लाना चाहिए और उसे यह भी बताना चाहिए कि नोटबंदी से आतंकवाद समाप्त करने के उसे दावे का क्या हुआ?
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने गांधी शांति यात्रा पर निकले पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा को समाजवादी पार्टी के दफ्तर में मीडिया से बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया था। पूर्व वित्तमंत्री ने इसके लिए अखिलेश का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वे भी सरकार की मनमर्जी के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ रहे हैं।
वित्तमंत्री ने इस कार्यक्रम में गांधी के नाम से शुरू की गई अपनी शांति यात्रा का मकसद बताया। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त जिस तरह का माहौल है। राष्ट्रीय मंच, शेतकारी संगठन और फ्रेंड्स ऑफ डेमोक्रेसी के सहयोग से यह यात्रा आम लोगों के बीच पैदा हुए भय के माहौल को कम करने की कोशिश भर है।
मुंबई में 9 जनवरी को यह यात्रा इसलिए शुरू की गई क्योंकि इसी दिन गांधी जी ने रंगभेद की लड़ाई को लड़कर दक्षिण अफ्रीका से भारत में वापसी की थी। 30 जनवरी को इस यात्रा का समापन भी गांधी जी को समर्पित है। उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए शांति ही एक मात्र रास्ता है। शांतिपूर्ण आंदोलन से ही अहंकार और दमन का अंत होगा।