जुबिली न्यूज डेस्क
पांच साल बाद सपा का राष्ट्रीय सम्मेलन लखनऊ में बुधवार को होने जा रहा है। इसमें अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव पर पूरी तरह फोकस करते हुए अपनी पार्टी की मजबूत टीम तैयार करेंगे। पार्टी के दो दिन के सम्मेलन में राष्ट्रीय और प्रदेश संगठन को नए सिरे से खड़ा किया जाएगा।
मिशन 2024 को देखते हुए पार्टी का यह आयोजन खास माना जा रहा है। सपा इस बार लोकसभा सीटों पर मजबूत प्रत्याशी चयन का काम समय रहते करने की तैयारी में है। पर इससे पहले निकाय चुनाव में अपना दम दिखाने की तैयारी में है।
जातीय जनगणना पर फोकस
बता दे कि अगले दिन 29 सितंबर को राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। राज्य सम्मेलन रमाबाई अम्बेडकर मैदान में होगा। इसमें अखिलेश यादव की अध्यक्षी पर दुबारा मुहर तो लगेगी ही, साथ ही पार्टी राजनीतिक व आर्थिक प्रस्ताव पास करेगी। आरक्षण, जातीय जनगणना पर खास तौर पर फोकस किया जाएगा। सपा ने अभी साफ नहीं किया है कि भाजपा विरोधी मोर्चे में वह कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकर करेगी या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सियासी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति का जरिया बनेगा। इस बाबत संभव है कि सपा राष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी राय साफ करे लेकिन इतना तय है कि सपा इस संभावित मोर्चे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती है।
नए चेहरों को मौका
सपा में वर्तमान में सभी संगठन भंग चल रहे हैं। यह देखने की बात होगी कि नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को बनाए रखता है या फिर ओबीसी से किसी अन्य को यह जिम्मेदारी दी जाती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुछ पुराने चेहरों के अलावा नए लोग भी रखे जाएंगे। प्रदेश अध्यक्ष तय होने के बाद नए सिरे से प्रदेश कार्यकारिणी गठित होगी। इसके बाद जिला अध्यक्ष तय होंगे जो बूथ तक कमेटी गठित करने में सहयोग करेंगे।
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