जुबिली न्यूज डेस्क
मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ भगदड़ पर अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल पूछा. इसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अखिलेश यादव ने जवाब दिया. हालांकि इस बीच बीजेपी सांसदों के ओर से टोका-टोकी की गई. इसपर सपा प्रमुख ने कहा कि अगर मैं गलत कह रहा हूं तो अध्यक्ष महोदय मैं अपना इस्तीफा आपको देता हूं.
उन्होने कहा कि जब ये जानकारी सामने आई कि कुछ लोगों की जान चली गई, तब सरकार हेलीकॉप्टर में भरकर फूल डालने लगी,ये कहां की सनातनी परंपरा है? जहां लाशें पड़ी हों, न जाने कितनी चप्पलें पड़ी थीं, महिलाओं की साड़ियां पड़ी थीं,उनको कैसे उठाया गया,ट्रैक्टर की ट्रॉली से, उन्हें उठाकर कहां फेका, कोई नहीं जानता..जब लगा कि वहां से बदबू आ रही तो सरकार के लोग छिपाने लगे,
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अखिलेश यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की. जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की, तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया. ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते.”अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा महाकुंभ में मरने वाले लोगों के लिए मौन धारण किया जाए, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े सामने लाए जाएं
महाकुंभ में आपदा प्रबंधन और खोया पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए. महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो। जिन्होंने सच छिपाया, उनको दंडित किया जाए,अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े मिटाए क्यों गए? इस अपराध का दंड कौन भुगतेगा? वहीं सपा प्रमुख के बयानों पर केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि कुंभ में जो हुआ वो एक हादसा था, समाजवादी पार्टी हादसे पर राजनीति कर रही है. उससे बचना चाहिए.