जुबिली न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यूपी बीजेपी में उभरे अंतर्विरोध पर सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार तंज कस रहे हैं। पहले उन्होंने कहा कि बीजेपी की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में यूपी में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम बीजेपी दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए बीजेपी अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।
बता दे कि बुधवार देर रात 11 बजे अखिलेश ने सोशल मीडिया X पर क्रिप्टिक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- ‘लौट के बुद्धू घर को आए।’ राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अखिलेश ने अप्रत्यक्ष रूप से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर तंज कसा है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले केशव प्रसाद मौर्य को दिल्ली तलब किया गया था। वहां उनकी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। दरअसल केशव ने बयान दिया था कि संगठन सरकार से बड़ा है। कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं। कार्यकर्ता ही गौरव है। इसके बाद यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की पीएम नरेंद्र मोदी से एक घंटे तक मुलाकात चली। बताया जा रहा है कि चौधरी ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के बारे में पीएम को रिपोर्ट सौंपी है। 15 पेज की इस रिपोर्ट में हार के कई कारण गिनाए गए हैं। कहा जा रहा है कि अब हाईकमान सीएम योगी आदित्यनाथ से बातचीत करेगा।
केशव मौर्य ने किया था पलटवार
यूपी बीजेपी की इस हालत पर अखिलेश यादव निशान साधने से नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने कहा था कि बीजेपी में एक-दूसरे को कमतर दिखाने के लिए कठपुतली का खेल खेला जा रहा है। सबकी डोरी अलग-अलग हाथों में है। बीजेपी में पर्दे के पीछे की लड़ाई सरेआम हो गई है। इंजन ही नहीं अब तो डिब्बे भी आपस में टकरा रहे हैं। केशव मौर्य ने भी पलटवार किया था।
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उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था- ‘सपा बहादुर अखिलेश यादव, भाजपा की देश और प्रदेश दोनों जगह मजबूत संगठन और सरकार है। केशव ने कहा कि समाजवादी पार्टी का PDA धोखा है। उत्तर प्रदेश में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है। बीजेपी 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी।’