न्यूज़ डेस्क।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में आए कार्यकर्ताओं को डॉ लोहिया सभागार में सम्बोधित किया।
इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की तीखी आलोचना की। उन्होंने ‘इन्वेस्टर समिट’ पर तंज कसते हुए कहा कि, सन् 2018-19 में उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ समिट के नाम पर जिन घरेलू सामानों को बनाने की घोषणा की उसके लिए नए उद्योग लगाना तो दूर, जो उद्योग पहले से चल रहे थे, वे भी बंद हो चुके हैं।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भाजपा सरकार के संरक्षण में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। गरीब की कहीं सुनवाई नहीं है। भाजपा राज में वही सुरक्षित है जिस पर किसी माफिया या अपराधी की कुदृष्टि नहीं पड़ रही है। भाजपा मंत्रिमण्डल ही भ्रष्टाचार से सराबोर है और जब तक भाजपा सरकार है तब तक भ्रष्टाचार ही रहेगा।
उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश इस समय भ्रष्टाचार, अपराध और बेरोजगारी का शिकार है। आजादी के बाद अर्थव्यवस्था के इस सबसे बुरे दौर में जब लोगों के हाथों में पैसा नहीं है, काम-कारोबार अपने निम्नतमस्तर पर है ऐसे में भ्रष्टाचार और अपराध को भाजपाई संरक्षण एक बड़े जनाक्रोश को जन्म दे रहा है।
भाजपा देश के इन ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए, समाज में नफरत का माहौल बना रही है। भीड़तंत्र द्वारा बेकसूर लोगों की हत्याएं हो रही हैं। बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण देश और प्रदेश में अफरा-तफरी का माहौल है।
नौजवानों को रोजगार और उच्चशिक्षा के नाम पर धोखा दिया जा रहा है। किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मंहगाई की मार से गरीब और मध्यम वर्ग बहुत ही परेशान है।
नीति आयोग की रिपोर्ट में स्वास्थ्य के पैमाने पर उत्तर प्रदेश का निम्नतमस्तर पर आना ये दर्शाता है कि भाजपा राज में किस प्रकार स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं उपेक्षित हुई हैं। एम्बूलेंस सेवाएं भी सुचारू नहीं है। गोरखपुर देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्गति की राजधानी बन गया हैं।
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