जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी के निर्माण की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिशों के बीच महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना लगातार हमलावर है। मुंबई का सियासी बढ़ने के बाद उसका असर उत्तर प्रदेश में दिखने लगा है।
अखिलेश जी की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हम मुंबई गए। अब निवेशक यूपी में आना चाहते हैं क्योंकि अब एक सुरक्षा का माहौल है। आपके कार्यकाल में अखिलेश जी जंगलराज और गुंडाराज था: अखिलेश यादव के ट्वीट पर यूपी मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह pic.twitter.com/0eO8ArNkEq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
फिल्म सिटी पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के दिए बयान पर पलटवार करते हुए यूपी सरकार के प्रवक्ता और योगी सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश जी की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हम मुंबई गए। अब निवेशक यूपी में आना चाहते हैं क्योंकि अब एक सुरक्षा का माहौल है। आपके कार्यकाल में अखिलेश जी जंगलराज और गुंडाराज था।
बहुरंगी व बड़े मानसिक क्षितिज की उम्मीद रखने वाली फिल्म इंडस्ट्री आज की एकरंगी व संकीर्ण सोच वाली सत्ता के रहते कभी भी विकसित नहीं हो सकती। कल को ये लोग फ़िल्म के विषय, भाषा, पहनावे व दृश्यों के फ़िल्मांकन पर भी अपनी पाबंदियाँ लगाएँगे।
मान्यवर अभिनय व भ्रमण छोड़ प्रदेश सँभालें!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 2, 2020
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने फिल्म सिटी पर हो रही सियासत पर ट्वीट करते हुए कहा कि बहुरंगी व बड़े मानसिक क्षितिज की उम्मीद रखने वाली फिल्म इंडस्ट्री आज की एकरंगी व संकीर्ण सोच वाली सत्ता के रहते कभी भी विकसित नहीं हो सकती। कल को ये लोग फ़िल्म के विषय, भाषा, पहनावे व दृश्यों के फ़िल्मांकन पर भी अपनी पाबंदियाँ लगाएँगे। मान्यवर अभिनय व भ्रमण छोड़ प्रदेश सँभालें!
दूसरी ओर शिवसेना भी लगातार सीएम योगी पर निशाना साध रही है और फिल्म सिटी की सियासत को हवा दे रही है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में फिल्म सिटी को लेकर यूपी की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा गया। संपादकीय में लिखा, ‘यूपी की आपराधिक सच्चाई, कानून व्यवस्था का सनसनीखेज फिल्मांकन मिर्जापुर-1 और 2 वेब सीरीज में है।
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विपक्षी दल यूपी की अवस्था मिर्जापुर जैसी ही होने का आरोप लगाते हैं। इस ‘सच्चाई’ को बदलने की जिम्मेदारी योगी सरकार की है। सिर्फ दीवारें खड़ी कर देने से स्थिति नहीं बदलेगी।’
योगी सरकार पर हमलावर अंदाज अख्तियार करते हुए सामना में लिखा, ‘मुंबई से फिल्म सिटी, उद्योग उठाकर ले जाना किसी बच्चे के हाथ से चॉकलेट छीनकर ले जाने जितना आसान नहीं है। यह किसी के बाप के लिए भी संभव नहीं है। महाराष्ट्र के बीजेपी नेताओं का इसपर क्या मत है? क्या मुंबई में आए योगी को भी उनका समर्थन है? यह बात स्पष्ट करनी चाहिए।’
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शिवसेना ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौर में जो लोग मुंबई की आलोचना कर रहे थे, वही अब यहां आ रहे हैं। मुंबई से नोंचकर ले जाकर योगी महाराज लखनऊ और नोएडा में सोने की धूल कैसे उड़ाएंगे? लाखों उत्तर भारतीय घर परिवार छोड़कर दो रोटी के लिए मुंबई में आते हैं। बेरोजगारों को रोजगार मिले बगैर योगी के संकल्पना वाली मायानगरी से सोने की धूल नहीं निकलेगी।’
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उत्तर प्रदेश में रोजगार नहीं है और आर्थिक स्तर पर दिवालिया हो गया है। योगी जी का कहना है कि हम कुछ छीनकर नहीं ले जा रहे हैं बल्कि नई फिल्म सिटी बसाने जा रहे हैं। अब कौन बेहतर सुरक्षा और सुविधा देगा, ऐसी स्पर्धा है। यह अच्छा विचार है लेकिन फिल्मसिटी मुंबई में ही क्यों समृद्ध हुई, बढ़ी और निखरी, इसका भी विचार कर लेना चाहिए।