जुबिली न्यूज डेस्क
संसद के शीतकालीन सत्र के छठें दिन मंगलवार को भी जमकर हंगामा हुआ. उत्तर प्रदेश स्थित संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद हुई हिंसा, तोड़फोड़, आगजनी और चार युवकों की मौत पर चर्चा की मांग की गई है. इस मुद्दे पर लोकसभा में समाजवादी पार्टी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने भी वाकआउट कर दिया.
अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया
लोकसभा में शून्यकाल की शुरुआत हुई. इस दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया, “यह जिले के सौहार्द को खत्म करने की एक सुनियोजित साजिश है.” उन्होंने आगे कहा कि संभल मस्जिद सर्वेक्षण और उसके बाद हुई हिंसा उत्तर प्रदेश उपचुनावों के दौरान विसंगतियों से ध्यान हटाने के लिए की गई थी.
अखिलेश यादव ने सिलसिलेवार तरीके से बताया कि संभल मस्जिद सर्वेक्षण और हिंसा किस तरह से हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। इस दौरान उन्होंने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग उठाई.
रामगोपाल यादव ने कही ये बात
उधर राज्यसभा में रामगोपाल यादव ने संभल का मुद्दा उठाया. सांसद ने कहा कि 24 तारीख को दोबारा सर्वे करने पहुंच गई टीम और पूरे संभल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया.
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उन्होंने सदन में कहा कि अचानक भीड़ के साथ सर्वे करने वाले मस्जिद में दाखिल होने लगे लोगों को लगा मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं जिसके बाद उन्होंने पत्थर चलाएं और फिर उनके ऊपर गोली चलाई गई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. सांसद ने कहा कि सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे कायम हुए और कई लोग जेलों में हैं. उपचुनाव के संदर्भ में रामगोपाल ने कहा कि पास के जिलों में मतदान करने से रोका गया.