स्पेशल डेस्क
लखनऊ। बीते दिनों मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन पूरे प्रदेश में बड़ी-धूम से मनाया गया। इस दौरान सबकी नजरे शिवपाल यादव और अखिलेश यादव पर थी लेकिन इस मामले में एक बार फिर अखिलेश यादव ने अपने चाचा से दूरियां बना रखी है। मुलायम के जन्मदिन पर शिवपाल यादव ने बड़ा दांव खेलते हुए परिवार में एकता की बात कही थी। इसके बाद सबको लग रहा था कि एक बार फिर सबकुछ ठीक हो सकता है लेकिन अखिलेश यादव शायद अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ कोई राजनीतिक रिश्ता नहीं रखना चाहते हैं। दोनों नेताओं के बीच लम्बे समय से बातचीत नहीं हो रही है।
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कभी भी शिवपाल यादव के बयान पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इतना ही नहीं कई मौकों पर शिवपाल सपा के साथ जाने को लेकर अपना दर्द बयां किया है। भले ही अखिलेश यादव अपने चाचा को पार्टी में दोबारा नहीं लेना चाहते हैं लेकिन शिवपाल यादव वापसी को लेकर बेताब नजर आ रहे हैं। मुलायम सिंह यादव का गुणगान कर शिवपाल अखिलेश पर निशाना साध रहे हैं।
इसके आलावा अखिलेश-शिवपाल में सुलह-समझौते को लेकर भी खबरे आ चुकी है लेकिन केवल यह अफवाह साबित हुई है। बीते दिनों शिवपाल यादव ने अखिलेश को सीएम का चेहरा भी बताया था और कहा था कि सपा से गठबंधन हुआ तो मुख्यंमत्री तो अखिलेश यादव ही बनेगे लेकिन इस पर अखिलेश यादव ने कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि कई बार अखिलेश यादव से शिवपाल को लेकर सवाल किया जाता है लेकिन शिवपाल का नाम सपा के अध्यक्ष अपनी जुबा पर नहीं लेते हैं।
शिवपाल ने मुलायम के जन्मदिन पर दावा किया था कि पूरा कुनबा एक होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और समारोह में मुलायम परिवार का कोई भी सदस्य नहीं आया। राजनीतिक की जानकारों की माने तो शिवपाल यादव का राजनीतिक भविष्य बचाने का संकट है। ऐसे में शिवपाल यादव अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए दोबारा सपा का सहारा लेना चाहते हैं। इस वजह से शिवपाल यादव को फिर से पारिवारिक एकता की याद आ रही है।
उधर सपा को पता चल चुका है कि शिवपाल यादव के अब आने से कोई फायदा नहीं है। उनके अलग होने से पार्टी को जितना नुकसान होना था वो हो चुका है। सपा अब हर जिले नये सिरे से अपना संगठन मजबूत कर रही है और अगर ऐसे में शिवपाल वापस आते हैं उससे बड़ा नुकसान फिर अखिलेश को उठाना होगा।