जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में न्याय यात्रा को लेकर I.N.D.I.A. के सहयोगी दलों के बीच की तकरार सामने आ गई है। पहले पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी ने न्याय यात्रा में आमंत्रित नहीं किए जाने का मामला उठाया था। इसके बाद उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस को दो सीटें गठबंधन के तहत देने की घोषणा की थी। वहीं, अब उत्तर प्रदेश में भी विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के सहयोगी समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस प्रकार का मामला उठा दिया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। अखिलेश का यह बयान आने के एक दिन बाद कि कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल की बात कही जा रही है। रविवार को कांग्रेस की ओर से कहा गया कि राज्य में यात्रा के कार्यक्रम को एक या दो दिन में अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद I.N.D.I.A. के सहयोगी दलों की ओर से साझा किया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा अखिलेश यादव की भागीदारी से I.N.D.I.A. गठबंधन मजबूत होगा। दरअसल, शनिवार को जब पत्रकारों ने अखिलेश से पूछा कि क्या वह राहुल की यात्रा में हिस्सा लेंगे तो उन्होंने कहा कि कई बड़े कार्यक्रम होते हैं, लेकिन हमें निमंत्रण नहीं मिलता। रविवार को जयराम रमेश ने अखिलेश की टिप्पणी दिखाने वाला एक समाचार वीडियो टैग किया। एक्स पर पोस्ट में लिखा कि यूपी में यात्रा का विस्तृत मार्ग और कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। एक या दो दिन में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
कांग्रेस का सहयोगी दलों में आलोचना
राहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर कांग्रेस को साथी I.N.D.I.A. गठबंधन के सहयोगियों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। जब यात्रा बंगाल से होकर गुजर रही थी तो टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी इससे दूर रही। वहीं, यूपी में सपा के साथ उसकी सीट- बंटवारे की बातचीत अब तक सहज नहीं रही है। कांग्रेस की ओर से राहुल गाधी की न्याय यात्रा वाली सीटों पर दावा लगातार बना हुआ है। वहीं, अखिलेश यादव पहले ही उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर अपना रुख साफ कर चुके हैं।
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अखिलेश यादव ने एकतरफा तौर पर कांग्रेस के लिए 11 सीटों की घोषणा की है, जबकि सपा ने भी 16 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची घोषित कर दी है। इसमें फर्रुखाबाद और लखीमपुर खीरी जैसी कुछ सीटें भी शामिल हैं, जिन पर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की नजर है।