जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोरोना वायरस महामारी के बीच जेईई और नीट के आयोजन को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को प्रदर्शन किया था। सरकार ने सपा के प्रदर्शन को रोकने के लिए कल पुलिस ने जमकर लाठियां बरसायी थी। इसको लेकर अखिलेश अब सख्त नजर आ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि शिक्षा और शिक्षार्थियों के प्रति उसका दृष्टिकोण मानवीयता से रिक्त है। अखिलेश ने ट्वीट किया कि जेईई, नीट परीक्षा करवाने पर अड़ी बीजेपी ने अब ये ख़ुलासा कर दिया है कि उसने मानव संसाधन मंत्रालय का नाम क्यों बदला, क्योंकि शिक्षा व शिक्षार्थियों के प्रति उसका दृष्टिकोण मानवीयता से रिक्त है।
जब CLAT की परीक्षा टाली गयी है तो JEE, NEET भी स्थगित हो.
सत्याग्रह का ये देश, भाजपा के दुराग्रह का जबाव देगा.#StudentLivesMatter#INDIAunitedtoPostponeJEE_NEET#ProtestAgainstExamsInCOVID#PostponeNEET_JEE#AntiStudentModiGovt#HealthOverNEETjee@PTI_News@ANI@HSnewsLive
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 28, 2020
नीट-जेईई परीक्षा को लेकर विपक्ष लामबंद हो गया है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने परीक्षा कराए जाने का विरोध किया है।
JEE, NEET परीक्षा करवाने पर अड़ी भाजपा ने अब ये ख़ुलासा कर दिया है कि उसने ‘मानव संसाधन मंत्रालय’ का नाम क्यों बदला, क्योंकि शिक्षा व शिक्षार्थियों के प्रति उसका दृष्टिकोण ‘मानवीयता’ से रिक्त है.
अमानवीय भाजपा! #StudentLivesMatter#ProtestAgainstExamsInCOVID#PostponeNEET_JEE pic.twitter.com/WRM2b9lq8p
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 28, 2020
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में सरकार को एक खुला पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कहा है कि जान के बदले एग्जाम नहीं चलेगा। इतना ही नहीं उन्होंने पत्र में लिखा है कि भाजपा दंभ के कारण यह जानलेवा एग्जान करवा रही है।
अखिलेश ने पत्र में लिखा था कि अगर बीजेपी दंभ के कारण परीक्षा करा ही रही है तो वह परीक्षा केंद्रों के बाहर अपने कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को तैनात करें, जहां नियम कानून का पालन नहीं होगा।
बीजेपी सरकार पर विधायकों की खरीद फरोख्त करने का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा था कि सरकार विद्यार्थियों के आने-जाने, खाने-पीने और ठहरने का प्रबंध करे जैसे विधायकों की खरीद-फरोख्त के समय करते हैं। बीजेपी की यह बात तर्कहीन और हास्यास्पद है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए बाहर निकल सकते हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते?