स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगातार सियासी घमासान चरम पर है। मायावती लगातार अपनी पार्टी में बदलाव कर रही है। उन्होंने लोकसभा चुनाव बाद अखिलेश की पार्टी सपा से भी किनारा कर लिया और अलग चुनाव लडऩे की बात भी कही है। इसके बाद से सपा को अपना मुस्लिम वोट बैंक पर खतरा बढ़ गया है।
इस बाद को अखिलेश यादव भी समझ रहे हैं। लंदन से लौटने के बाद अखिलेश यादव लगातार पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। हार के कारण भी खोजने में जुटे हैं।
सपा को लगता है कि लोकसभा चुनाव में उसके परम्परागत वोट बैंक खिसक गया है। इस वजह से उसे दोबारा मजबूत करने के लिए अखिलेश ने पार्टी के साथ बैठक की है। 12 सीटों पर उपचुनाव को लेकर सपा नई रणनीति बनाने में जुटी हुई है।
अखिलेश ने पार्टी के नेताओं से साफ कहा है कि उपचुनाव में बसपा से अधिक वोट प्रतिशत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करे। अखिलेश यादव मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व संगठन में बढ़ाने पर विचार भी कर रहे हैं।