गिरीश चन्द्र तिवारी
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सार्वजनिक मंच से कई बार कह चुके है कि 2019 का चुनाव डिंपल यादव नहीं लड़ेंगी, लेकिन कल महिला दिवस के मौके पर कन्नौज से डिंपल के चुनाव लडऩे का ऐलान करके उन्होंने सबको चौका दिया।
अखिलेश के इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरु हो गई कि आखिर डिंपल को मैदान में उतारने के पीछे सपा अध्यक्ष का क्या मंसूबा है।
On the occasion of #InternationalWomensDay the Samajwadi Party reaffirms it’s commitment to equality for all and is proud to announce some of its women candidates for the #2019Election. #HappyWomensDay pic.twitter.com/Z7HwfTXzsw
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 8, 2019
अखिलेश का यू-टर्न
पिछले दो साल में अखिलेश यादव कई बार यह कह चुके हैं कि डिंपल यादव चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसलिए कयास लगाये जा रहे थे कि कन्नौज सीट पर अखिलेश खुद चुनाव लड़ेंगे, मगर कल डिंपल का नाम आने के बाद अब अखिलेश किस सीट से चुनाव लड़ेंगे इसकी चर्चा तेज हो गई हैं।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) March 8, 2019
आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं अखिलेश
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक आजमगढ़ से अखिलेश यादव चुनाव लड़ सकते हैं। चूंकि मैनपुरी और बंदायू सीट केद प्रत्याशी की घोषणा हो गई है तो सपा के लिए सुरक्षित सीट आजमगढ़ बचती है। वहीं, कन्नौज से डिंपल को चुनाव लड़ाने के पीछे अखिलेश की मंशा साफ है।
साफ-सुथरी छवि
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक अखिलेश अपनी पारंपरिक सीटों को बचा के रखना चाहते हैं। चूंकि डिंपल की साफ-सुथरी छवि है और वह सपा के बड़े चेहरे में शुमार है इसलिए उन्होंने डिंपल को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है।
2014 में पांच सीटों पर मिली थी जीत
पिछले लोकसभा चुनाव में सपा को पांच सीटे मिली थी। पांच सीटों पर अखिलेश यादव के परिवार को ही जीत मिली थी। आजमगढ़ और मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव, बंदायू से धर्मेन्द्र यादव, कन्नौज से डिंपल और फिरोजाबाद से राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को जीत मिली थी।
ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन सीटों पर अखिलेश अपने परिवार के सदस्यों को ही तरजीह देंगे। इसलिए डिंपल को मैदान में लाने की मंशा आसानी से समझी जा सकती हैं।