स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सियासत लगातार बदल रही है। मोदी की लहर में सपा-बसपा दोनों को कड़ी पराजय झेलनी पड़ी है। इसके बाद दोनों दलों के बीच उठापटक देखी जा सकती है। मायावती इस हार के बाद बौखला गई। आलम तो यह है कल दिन जिस सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था उसे एक झटके में किनारा कर लिया।
मायावती ने चुनाव बाद देर किये बगैर अखिलेश यादव से मायावती ने सारे रिश्ते तोड़ लिये और उप चुनाव में दोनों की राह अलग-अलग हो गई है। इसके बाद मुलायम को लगा कि उनकी पार्टी खत्म हो जायेगी। इसके बाद वह सक्रिय हो गए है और पुराने लोगों को दोबारा जोडऩे के लिए उन्होंने पहल करना शुरू कर दी।
मुलायम शिवपाल के बगैर अकेले पड़ते दिख रहे हैं। इस वजह से उन्हें दोबारा शामिल करना चाहते हैं लेकिन शिवपाल ने साफ कर दिया है कि वह दोबारा सपा में नहीं जा रहे हैं। उधर जानकारी के मुताबिक मायावती और शिवपाल यादव के रिश्ते भी बेहद खराब रहे हैं। कई मौकों पर शिवपाल यादव ने मायावती को चुनौती दी है और कड़ी आलोचना भी की है। ऐसे सपा के सूत्र बता रहे हैं कि अखिलेश भी इस वजह से उनसे किनारा कर रहे हैं।
बुआ-बबुआ की राह अलग होने के बावजूद मायावती का सम्मान कर रहे हैं और शिवपाल यादव से उनका परहेज है। अखिलेश किसी भी हालत में शिवपाल यादव के सामने झुकना नहीं चाहते हैं। प्रसपा ने साफ कर दिया था कि सम्मान से बढक़र कुछ नहीं है। प्रसपा के अनुसार वह शुरू से सपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे लेकिन इसके लिए कोई पहल नहीं की गई।