जुबिली न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव को लेकर हाल ही में समाजवादी पार्टी की तरफ से कन्नौज सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया गया था. अब ऐसा कहा जा रहा है कि सपा कन्नौज सीट से भी उम्मीदवार बदल सकती है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव खुद यहां से चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं इन अटकलों को लेकर अब खुद अखिलेश यादव ने भी चुप्पी तोड़ दी है.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर कहा, “जब नॉमिनेशन होगा तब पता चलेगा, सवाल कन्नौज की ऐतिहासिक जीत का है. जनता ने मन बना लिया है कि INDIA गठबंधन भविष्य बनकर आ रहा है और बीजेपी इस चुनाव में इतिहास बन जाएगी.” अखिलेश यादव को कन्नौज की सीट पर यादव परिवार के लाड़ले और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के दमाद तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाए जाने पर बीजेपी का तंज भी झेलना पडा.
अखिलेश यादव का राजनीतिक सफर
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने साल 2000 में कन्नौज सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा. इस चुनाव में अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता अकबर अहमद डंपी को हराया था. इसके बाद वह 2012 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने. फिर कन्नौज सीट से उनकी पत्नी डिंपल डिंपल यादव जीत गईं, लेकिन 2019 में उनको बीजेपी के सुब्रत पाठक ने हरा दिया.
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कन्नौज सीट पर रहा यादव परिवार का दबदबा
कन्नौज सीट पर मुलायम यादव परिवार का लंबे समय तक दबदबा रहा है. इस सीट पर मुलायम यादव, अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद रह चुकी हैं. यह सीट साल 1999 से लेकर 2014 तक यादव परिवार के कब्जे में रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हरा दिया था और इस तरह बीजेपी ने सपा से यह सीट छीन ली थी.