जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इसकी तैयारी में हर कोई जुटा हुआ है और लोग इस दिन दिवाली की तरह मनाना चाहते हैं लेकिन इस मामले पर देश की सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है।
बीजेपी जहां इसकी प्रचार-प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे पूरे तरह से बीजेपी का इवेंट करार दे रही है। इतना ही नहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी राम मंदिर के जिए राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।
ऐसे में विपक्ष के कई नेताओं ने इस समारोह से किनारा कर लिया है। कई ऐसे लोग है जिनको खास तौर न्यौता दिया गया है लेकिन वो लोग भी नहीं जाने की बात कह रहे हैं तो दूसरी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण दिया गया है और अखिलेश यादव को मिला है।
हालांकि अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वो अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान शामिल नहीं होंगे लेकिन कि वो प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद परिवार के साथ अयोध्या दर्शन के लिए जाएंगे।
अखिलेश यादव ने शनिवार रात चंपत राय के नाम ट्वीट करते हुए लिखा और बताया, “श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के स्नेह निमंत्रण के लिए धन्यवाद और समारहो के सकुशल संपन्न होने की हार्दिक शुभकामनाएं। ” इसी के साथ उन्होंने ट्वीट में ये भी बताया कि वो प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के पश्चात सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य आएंगे।आज प्राप्त निमंत्रण के लिए पुन: धन्यवाद।”