- मुलायम को आईएसआई का एजेंट बताने वाले यशवंत को लेकर सपा में घमासान
- सपा के मुस्लिम विधायक मुलायम को आईएसआई का एजेंट बताने वाले यशवंत से खफ
दीपक जोशी
लखनऊ। राष्ट्रपति चुनाव उत्तर प्रदेश (यूपी) की सियासत में बदलाव की बयार लेकर आता है. यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के बाद हुए राष्ट्रपति चुनाव ने प्रदेश की सियासत ऐसी बदली कि सूबे की राजनीति एक अलग ही मोड़ पर पहुंच गई।
अब फिर एक बार राष्ट्रपति चुनावों को लेकर सूबे के प्रमुख विपक्ष दल समाजवादी पार्टी (सपा) में घमासान मचा हुआ है. प्रगतिशील समाजवादी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के मुलायम सिंह यादव को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट कहे जाने के पुराने प्रकरण का खुलासा करने के चलते सपा में घमासान शुरू हुआ है।
जिसके चलते सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के समर्थक तमाम मुस्लिम विधायक यशवंत सिन्हा को वोट देने के पक्ष में नहीं हैं. अब इन खफा मुस्लिम विधायकों को मनाने के लिए अखिलेश यादव ने डिनर डिप्लोमेसी का सहारा लेने का फैसला किया है।
इस डिनर डिप्लोमेसी के तहत पार्टी विधायकों के लिए रविवार की रात सुल्तानपुर की इसौली विधानसभा सीट से पार्टी विधायक मोहम्मद ताहिर के घर पर डिनर पार्टी रखी गई है। इस डिनर पार्टी में पार्टी के सभी 111 विधायकों को पहुंचने को कहा गया है।
विधायक ताहिर का कहना है कि इस पार्टी के दौरान राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के बारे में विधायकों को जानकारी दी जाएगी. इस दौरान वोटिंग के नियमों के बारे में भी बताया जाएगा. डिनर पार्टी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी पहुंचेंगे और वह पार्टी विधायकों को संबोधित भी करेंगे। वही दूसरी तरफ नाम ना छापने की शर्त पर सपा के कई मुस्लिम विधायकों का कहना है कि पार्टी के संस्थापक को मुलायम सिंह यादव को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट कहने वाले विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करना उनके जमीर को खटक रहा है. ये मुस्लिम विधायक अपने मन की बात अखिलेश यादव से कहेंगे।
इसके बाद भी यदि अखिलेश यादव ने सपा संस्थापक को आईएसआई एजेंट कहने वाले यशवंत सिन्हा को वोट देने को कहा तो फिर वह अपने जमीर की बात सुनेंगे और यशवंत सिन्हा के खिलाफ वोट देंगे।
पश्चिम यूपी से जीते सपा के कई हिंदू विधायक भी यशवंत सिन्हा को वोट देने के पक्ष में नहीं है. इनका कहना है कि शिवपाल सिंह ने जो खुलासा किया है, उसके बाद उनके पक्ष में वोट देना ठीक नहीं है क्योंकि अभी तक यशवंत सिन्हा ने अपने कथन को लेकर माफी नहीं मांगी है.
उल्लेखनीय है कि यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मुलायम सिंह यादव को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट बताने वाले यशवंत सिन्हा के अखबार में छपे एक बयान को ट्वीट किया था।
यशवंत सिन्हा को गंभीरता से लेते हुए शिवपाल सिंह यादव ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को एक पत्र लिखा. इस पत्र में शिवपाल ने लिखा की जिस व्यक्ति (यशवंत सिन्हा) ने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को कभी आइएसआइ एजेंट कहा था आज उसको सपा ही राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन दे रही है. अपने इस निर्णय पर कृपया पुनर्विचार कर लें।
शिवपाल के इस पत्र के बाद से ही सपा में घमासान मच गया. और पहले से ही अखिलेश यादव के व्यवहार से खफा मुस्लिम विधायकों के यशवंत सिन्हा की खिलाफत करने का संकेत पार्टी के सीनियर नेताओं को दे दिया।
इसके बाद ही नाराज विधायकों को मनाने के लिए अखिलेश ने डिनर डिप्लोमेसी की पहल की है. अब देखना है कि वह नाराज विधायकों को कैसे मनाते हैं. और तमाम नाराज विधायक उनकी बात मान कर यशवंत सिन्हा को वोट देने या उनकी खिलाफत करेंगे।