जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव अगले साल है लेकिन इसकी तैयारी अभी से राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी है। जहां एक ओर बीजेपी ने दोबारा सत्ता में लौटने का सपना पाल रखा है तो दूसरी ओर अखिलेश बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में जुट गई है।
हालांकि पंचायत चुनाव में अखिलेश और शिवपाल एक साथ मिलकर चुनाव लड़े हैं। इसका दोनों को बड़ा फायदा हुआ है। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में समाजवादी पार्टी व प्रगतिशील समाजवादी (लोहिया) ने जिला पंचायत सदस्य वार्डो के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को मिलकर करारी शिकस्त दी है।
जानकारी मिल रही है कि परिवार जिताने के लिए एक हुए अखिलेश और शिवपाल मिलकर पंचायत चुनाव में ताल ठोंकी थी। इसका नतीजा यह रहा कि शिवपाल और अखिलेश ने मिलकर 17 सीटों पर जीत का परचम लहराया है।
अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव ने पंचायत चुनाव में जीत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि गठबंबधन के कारण ही इटावा में 20 जिला पंचायत सदस्य जीत की ओर हैं।
खुद चुनाव जीत चुके अभिषेक ने दावा किया कि इटावा में एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर समाजवादी पार्टी का ही कब्जा रहेगा। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या विधान सभा चुनाव में अखिलेश और शिवपाल यादव एक साथ आते हैं या नहीं।
जिला पंचायत सदस्यों की जीत के बाद सपा-प्रसपा के कार्यकर्ताओं में भारी जोश देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं परिवार भी काफी खुश है। राजनीतिक के जानकारों की माने तो 2022 विधानसभा चुनाव में चचा भतीजे एक साथ आते हैं तो अखिलेश के लिए राह आसान हो सकती है। अब देखना होगा कि क्या सच में अखिलेश शिवपाल एक साथ विधान सभा चुनाव में ताल ठोंकते हैं या नहीं।