जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज कहा कि भाजपा राज में जनता कराहने लगी है। महंगाई के चूल्हे में जनता को झोंक दिया है। अपने पूंजीपति मित्रों को खुश करने के लिए अन्नदाता किसानों पर अत्याचार करने में भाजपा ने सभी हदें पार कर दी हैं।
जनता में अपनी कुनीतियों के प्रति बढ़ते जनाक्रोश को देखते हुए लोगों को डराकर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार खुद डरी हुई है। 2022 में परिवर्तन की लहर के निर्णायक संकेत अभी से दिखने लगे हैं। एक महीने में तीसरी बार रसोई गैस के दाम फिर 25 रूपए बढ़ा दिए गए हैं। पेट्रोल- डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
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सब्जी, फल और खाद्य पदार्थों के भाव आसमान छूने लगे हैं। सामान्य आदमी का जीना दूभर हो रहा है। पेट्रो मूल्यों में कभी साल में एक या दो रूपए के दाम बढ़ते थे तो छाती पीटकर भाजपाई मंहगाई को डायन बताने लगते थे। गैस सिलेण्डर लेकर चौराहों पर प्रदर्शन करते थे।
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आज तेल कम्पनियों की मुनाफाखोरी पर भाजपा नेतृत्व के मुंह पर ताले लगे हुए हैं। विगत तीन माह से किसान अपनी मांगो को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जगह-जगह महापंचायते हो रही है। भाजपा सरकार अपनी मनमानी पर उतारू है।
किसानों की मांग है कि एमएसपी अनिवार्य की जाए और तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए। किसान जिन कानूनों के खिलाफ है उनको जबरन किसानों पर थोपे जाने का विरोध हो रहा है। भाजपा के सांसद, विधायक और समर्थकों को जनता अपने बीच में देखना पसंद नहीं कर रही है।
उत्तर प्रदेश में सभी किसान पंचायतें एकजुट होकर किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। शामली के बाद सम्भल के गांव में भाजपा नेताओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। सहारनपुर के फतेहपुर जट्टी में भी भाजपा नेताओं के लिए नो-इंट्री के बैनर लग गए है। किसानों ने अपनी मांगे माने जाने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय ले लिया है।
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