जुबिली स्पेशल डेस्क
शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के रिश्तों अब पहले से बेहतर नजर आ रहे हैं। बहू डिंपल को सर्मथन देनेके ऐलान बाद शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की मुलाकात भी हो गई है।
स्थानीय मीडिया की माने तो प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव सेसपा सुप्रीमो अखिलेश यादव नेसैफई आवास पर मुलाकात की। उनकी ये मुलाकात बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि बीते कुछ दिनों से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के रिश्तों को लेकर तमाम तरह के कयास लगाये जा रहे थे।
नेता जी और घर के बड़ों के साथ-साथ मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है! pic.twitter.com/vBcGiaMn1z
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 17, 2022
हालांकि अब मुलाकात के बाद कहा जा रहा है कि शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच बात बन गई है। वहीं अखिलेश यादव ने इस मुलाकात के बाद ट्वीट करके कहा है कि नेता जी और घर के बड़ों के साथ-साथ मैनपुरी की जनता का भी आशीर्वाद साथ है !
समाजवादी पार्टी इस वक्त अपने बुरे दौर से गुजर रही है। यूपी में उसका वनवास जारी है। पिछले विधान सभा चुनाव में भी सपा कोई खास कमाल नहीं कर सकी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा के लिए चुनौती और बढ़ गई है।
अखिलेश यादव ने जब राजनीति में इंट्री मारी थी तब उनका सर पर पिता साया था। अखिलेश यादव जो भी फैसला लेते थे उनमें कही न कही मुलायम की छाप नजर आती थी।
इतना ही नहीं मुलायम भी अपने बेटे को राजनीति की कुछ अहम टिप्स देते थे लेकिन उनके निधन के बाद अखिलेश यादव पर अब दोहरी जिम्मेदारी बढ़ गई है। पहला तो वो अपनी पार्टी को दोबारा जिंदा करना है और इस बार उनको ये जिम्मेदार अकेले उठानी पड़ेगी।
दूसरी ओर परिवार को एकजुट रखना अब अखिलेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। मुलायम की जिंदगी में उन्होंने भले ही अपने चाचा शिवपाल यादव से दूरी बना ली हो लेकिन अब शायद वो इस बात को समझ गए है कि राजनीति में अगर आगे जाना है तो परिवार को एकजुट रखना बेहद जरूरी है।
इसका ताजा सबूत तब देखने को मिला जब मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में चाचा शिवपाल यादव को जगह दी गई है। अभी तक अखिलेश यादव अपने चाचा से किनारा करते हुए नजर आते थे। उनको सपा का नेता न मानकर प्रसपा का नेता बताते थे।