जुबिली स्पेशल डेस्क
अखिलेश यादव ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के टोल निजी कंपनी को बेचने के भाजपा सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने सरकार के इस
कदम को जनविरोधी करार दिया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि उप्र सरकार द्वारा ‘एक्सप्रेस वे’ पर टोल-वसूली के काम को, 20 साल के लिए पूँजीपतियों को दिये जाने की ख़बर निंदनीय है। उप्र की भाजपा सरकार तो सस्ते में काम करवाने का दावा कर रही थी अगर ये सच है तो बचे धन का सदुपयोग करते हुए वो ‘एक्सप्रेस वे’ को आम जनता के हित में टोल-मुक्त कर दे।
उन्होंने बीजेपी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार का इरादा इसी तरह खेती को भी बड़ी प्राईवेट कम्पनियों के हवाले करने का है। किसानों के खेतों को पूंजीघरानों के पास बंधक रखने और अन्नदाता को भिखारी बनाने का यह कुचक्र तेजी से चल रहा है। इससे किसान अपनी खेती की जमीन का मालिक बनने के बजाय उसका खेतिहर मजदूर बन जाएगा।
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अखिलेश ने योगी सरकार से सवाल पूछा है कि निजी कम्पनियों पर इतना मेहरबान क्यों हो रही है? अभी उसने कोरोना संकट के बहाने सभी कर्मचारियों, सांसदों, विधायकों से अच्छीखासी धनराशि ली है, कर्मचारियों के भत्ते खत्म कर दिए हैं। जनता से भी आर्थिक मदद प्रधानमंत्री के और मुख्यमंत्री के कोष में जमा हुई है। इसके बाद आखिर सरकार के कोष में कितनी रकम की कमी हो गई है?
उन्होंने आगे कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एक सरकारी परियोजना के अंतर्गत बनी है। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जनता का धन लगा है। समाजवादी सरकार ने इसके लिए बाकायदा बजट का प्राविधान किया था। राज्य की सम्पत्ति को इस तरह निजी हाथों में सौंपा जाना अनुचित, अव्यवहारिक और निन्दनीय है।
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सपा मुखिया ने कहा भाजपा सरकार राज्य की सम्पत्ति को बेचने का काम कर रही है। इस तरह तो भाजपा का बस चलेगा तो वह पूरे उत्तर प्रदेश को भी बेच सकती है? भाजपा सरकार की घोषणाओं, एम.ओ.यू. तथा तमाम आश्वासनों के बावजूद उत्तर प्रदेश में पूंजीनिवेश तीन वर्ष में आया नहीं, अब अगर उत्तर प्रदेश को ही बेच देंगे तो क्या तमाम समस्याओं का समाधान हो जायेगा?
निश्चित तौर पर एक बात बहुत स्पष्ट है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को निजी हाथों में सौपने की साजिश में लगे लोगों को समझ लेना चाहिए कि अगली समाजवादी सरकार बनने पर भाजपा के ऐसे तमाम अनुबंध रद्द कर दिए जाएंगे। इस मामले की जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही होगी। जनता के हितों के साथ खिलवा? कतई बर्दाश्त नहीं होगा।